Mangal Rashi Parivartan: भारत की अर्थव्यवस्था में आएगा बड़ा उछाल

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Aug, 2020 09:50 AM

mangal rashi parivartan

15 अगस्त आजादी की वर्षगांठ के अगले दिन भूमि पुत्र मंगल का राशि परिवर्तन ज्योतिष की दृष्टि से देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। ग्रहों में सेनापति का दर्जा प्राप्त, अत्यंत साहसी, निडर व

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Mangal Rashi Parivartan 2020:15 अगस्त आजादी की वर्षगांठ के अगले दिन भूमि पुत्र मंगल का राशि परिवर्तन ज्योतिष की दृष्टि से देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। ग्रहों में सेनापति का दर्जा प्राप्त, अत्यंत साहसी, निडर व पराक्रमी ग्रह 16 अगस्त को शाम 7 बजकर 27 मिनट पर देव गुरु बृहस्पति की मीन राशि से निकलकर अपनी मेष राशि में आ रहे हैं। मंगल ग्रह के इस राशि परिवर्तन पर देश के ज्योतिष जगत की निगाहें भी टिकी हैं।

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अपनी मेष राशि में रहकर मंगल ग्रह 10 सितंबर को सुबह 3 बजकर 50 मिनट पर वक्री हो जाएंगे और 4 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 05 मिनट पर वापस मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जहां 14 नवंबर को वह मार्गी होंगे। इस प्रकार वक्री-मार्गी अवस्था में चलते हुए ये 22 फरवरी की प्रातः 04 बजकर 34 मिनट पर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। इनका वक्री-मार्गी होना यानी उल्टी चाल चलना, सीधी चाल चलना अथवा राशि परिवर्तन करना फलित ज्योतिष दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगा।

मंगल ग्रह जब अपनी मेष राशि में आ रहे हैं और अपना राशि परिवर्तन कर रहे हैं तो सैन्य मोर्चे पर हमारा देश और शक्तिशाली होगा। हमारी सैन्य ताकत बढ़ेगी। सामरिक क्षमता बढ़ेगी। हमारी इस क्षमता का दुश्मन भी लोहा मानेंगे। राष्ट्र विरोधी व विघटनकारी ताकतें सर उठाएंगी और उनको मुंह की खानी पड़ेगी।

मंगल के राशि परिवर्तन का रियल स्टेट पर भी सुखद असर पड़ेगा क्योंकि मंगल भूमि के मालिक होते हैं। करोना संकट के बीच जो रियल एस्टेट का काम थम गया है, वह अब गति पकड़ेगा। प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़ेे लोगों को भी फायदा होगा। देश के उद्योग धंधों को भी बल मिलेगा और देश में तैयार होने वाले उत्पादों की मांग बढ़ने लगेगी। कोई ऐसी घटना भी घटित हो सकती है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे देश का प्रभाव बढ़ेगा।

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मंगल ग्रह अपनी मूल त्रिकोण राशि मेष में आ रहे हैं और मेष राशि पर पहले से ही देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि है यानी मेष राशि में बैठकर मंगल का धनु राशि में बैठे देव गुरु बृहस्पति व केतु ग्रह से दृष्टि संबंध बनेगा। मंगल अग्नि तत्व में आकर अग्नि तत्व राशि के स्वामी गुरु ग्रह व केतु की दृष्टि में आएंगे ।

गुरु ग्रह आकाश के कारक होते हैं। दुश्मन द्वारा आंख दिखाए जाने पर हमारी सेना आकाशीय पराक्रम भी दिखा सकती है। आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के अभियान में भी तेजी आएगी लेकिन साथ ही इस अवधि में मंगल ग्रह के इस राशि परिवर्तन से देश के कुछ राज्यों को प्राकृतिक प्रकोप से भी प्रभावित होना पड़ सकता है। भूकंप और बाढ़ जैसी त्रासदी से भी दो चार होना पड़ सकता है। कोई अशुभ खबर भी देश को मिल सकती है यानी किसी अनिष्ट का योग भी है। किसी महत्वपूर्ण हस्ती के सानिध्य से भी हम वंचित हो सकते हैं।

मंगल ग्रह के राशि परिवर्तन की सुखद बात यह भी है कि करोना महामारी का प्रकोप थमने लगेगा। संक्रमित लोग तेजी से स्वस्थ होते जाएंगे। औषधि विज्ञान के क्षेत्र में भी भारत की सफलता का डंका बजेगा। एक बड़ी बात यह भी है कि राष्ट्रीय आय में भी बढ़ोतरी होगी यानी मंगल, दुश्मन के लिए तो अमंगलकारी लेकिन देश के लिए मंगलकारी साबित होगा।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

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