जानिए श्रावण में इस बार किन तिथियों पर रखा जाएगा मंगला गौरी व्रत

Edited By Jyoti,Updated: 27 Jun, 2022 03:25 PM

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14 जुलाई से इस वर्ष का श्रावण माह आरंभ होने वाला है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये पूरा मास अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रों में श्रावण का मास देवों के देव महादेव को समर्पित है। तो वहीं इस मास में शिव जी के अलावा देवी पार्वती जी की पूजा का अधिक...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
14 जुलाई से इस वर्ष का श्रावण माह आरंभ होने वाला है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये पूरा मास अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रों में श्रावण का मास देवों के देव महादेव को समर्पित है। तो वहीं इस मास में शिव जी के अलावा देवी पार्वती जी की पूजा का अधिक महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रावण मास में गौरी मां को समर्पित मंगला गौरी का व्रत किया जाता है। जिस दौरान शिव जी की अर्धांगिनी माता पार्वती की पूजा का विधान होता है। बताया जाता है प्रत्येक वर्ष मंगला गौरी का व्रत दूसरे मंगलवार को रखा जाता है, जिस कारण इसे मंगला गौरी के नाम से जाना जाता है। इससे जुड़ी जानकारी के अनुसार इस श्रावण मास में जितने भी मंगलवार आएंगे, तमाम मंगलवारों को मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। इसके अलावा बता दें मंगला गौरी व्रत खासरूप से सुहागिन महिलााओं द्वारा श्रद्धापूर्वक रखा जाता है, जिसके परिणाम स्वरूप माता गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो आइए जानते हैं इस बार श्रावण मास की किन तिथियों को मनाया जाएगा मंगल गौरी का व्रत साथ ही जानेंगे इस व्रत का महत्व- 
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मंगला गौरी व्रत की तिथि-
श्रावण प्रारंभ - 14 जुलाई 2022, गुरुवार
प्रथम मंगला गौरी व्रत - 19 जुलाई 2022, मंगलवार
दूसरा मंगला गौरी व्रत - 26 जुलाई 2022, मंगलवार
तीसरा मंगला गौरी व्रत - 2 अगस्त 2022, मंगलवार
चतुर्थी मंगला गौरी व्रत - 9 अगस्त 2022, मंगलवार
श्रावण समाप्त - 12 अगस्त 2022, शुक्रवार
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मंगला गौरी व्रत महत्व
हिंदू धर्म की प्रचलित मान्यताओं के मुताबित मंगला गौरी व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा पति के सुखी जीवन, लंबी आयु और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। कहा जाता है ये व्रत करने से दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है। तो वहीं अगर किसी दंपत्ति की संतान प्राप्ति की इच्छा हो तो ये व्रत करने से ये इच्छा भी शीघ्र पूरी हो जाती है। इसके अलावा मान्यता है कि जो महिला इस व्रत को श्रद्धापूर्वक करती है उसकी तमाम तरह की पारिवारिक समस्याएं खत्म हो जाती हैं। कोई अविवाहित या कुंवारी कन्या अगर ये व्रत रखती है तो उसके विवाह के योग शीघ्र बन जाते हैं। तो वहीं अगर किसी के विवाह होने में अड़चनें आ रही हो तो ये व्रत करने से सारे विघ्न व अड़चनें दूर हो जाती हैं। ये भी मान्यता है कि अगर किसी कन्या का विवाह मांगलिक होने की वजह से नहीं हो पा रहा है तो वह इस व्रत को करना उसके लिए मंगला गौरी का व्रत करने शुभ साबित होता है। कहा जाता है इसके अतिरिक्त साथ ही मंगलवार के दिन मंगला गौरी के साथ ही हनुमान जी के चरण से सिंदूर लेकर उसका टीका अपने माथे पर लगाने से कुंडली मंगल दोष समाप्त होते है और सुयोग्य वर भी मिलता है। 
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