मणिमहेश यात्रा: छड़ी परंपराओं के निर्वहन के दृष्टिगत जम्मू के श्रद्धालुओं को मिली अनुमति

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Aug, 2020 09:36 AM

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धार्मिक एवं ऐतिहासिक मणिमहेश यात्रा का आयोजन कोविड-19 के चलते पारंपरिक रस्मों के निर्वहन तक ही होगा। गौरतलब है कि मणिमहेश यात्रा में सदियों से जम्मू क्षेत्र से भी छड़ी यात्राएं आती रही हैं।

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चम्बा (ब्यूरो): धार्मिक एवं ऐतिहासिक मणिमहेश यात्रा का आयोजन कोविड-19 के चलते पारंपरिक रस्मों के निर्वहन तक ही होगा। गौरतलब है कि मणिमहेश यात्रा में सदियों से जम्मू क्षेत्र से भी छड़ी यात्राएं आती रही हैं। चूंकि इस बार कोरोना संक्रमण है, ऐसे में इस यात्रा को सभी जरूरी एहतियात और दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही आयोजित किया जा रहा है। डी.सी. विवेक भाटिया ने सोमवार को बताया कि मणिमहेश यात्रा के आयोजन से जुड़ी मणिमहेश ट्रस्ट की बैठक में भी इसको लेकर राय बनी थी कि इस बार मणिमहेश यात्रा का प्रारूप केवल मात्र पुरातन परंपराओं के निर्वहन तक सीमित रहेगा। 

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कोविड-19 के मद्देनजर इन श्रद्धालुओं को आइसोलेटेड सुविधाओं में रखा गया और इन्हें चम्बा में न ठहरा कर सीधे भरमौर रवाना कर दिया गया। जम्मू से आने वाली छड़ी यात्राओं में केवल 63 श्रद्धालुओं को डी.सी. डोडा द्वारा अनुमति दी गई है।

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इसी अनुमति के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा इन श्रद्धालुओं को पारंपरिक धार्मिक रस्मों के निर्वहन के लिए अनुमति दी गई। ये श्रद्धालु जम्मू के गंदोह, भलेश और भद्रवाह क्षेत्र से संबंधित हैं। ये छोटे जत्थों में मणिमहेश झील पर पहुंचकर सदियों पुरानी धार्मिक परंपराओं को निभाएंगे।

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