Kalashtami 2020: भोलेनाथ के कोतवाल इन आसान उपायों से हो जाते हैं प्रसन्न

Edited By Jyoti,Updated: 16 Jan, 2020 11:51 AM

masik kalahtmi 2020

जैसे हर माह में एकादशी, मासिक शिवरात्रि आदि का पर्व मनाया जाता है। ठीक उसी तरह प्रत्येक मास में भगवान शंकर के अवतार कहे जाने वाले कालभैरव की भी अष्टमी पड़ती है

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जैसे हर माह में एकादशी, मासिक शिवरात्रि आदि का पर्व मनाया जाता है। ठीक उसी तरह प्रत्येक मास में भगवान शंकर के अवतार कहे जाने वाले कालभैरव की भी अष्टमी पड़ती है। जिसे मासिक काल अष्टमी के नाम से जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान काल भैरव को मां काली का पुत्र भी कहा जाता है। क्योंकि इन्हें कुछ मान्यताओं के अनुसार इन्हें देवों के देव महादेव का अंश माना जाता है इसलिए इनकी पूजा से भी जातक को अनेक तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। अगर बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की बात करें तो यहां इन्हें बाबा विश्वनाथ के कोतवाल कहा जाता हैं। यहां की प्रचलित मान्यताओं की मानें तो ये यहा अपने आराध्य शिव शंकर की रक्षा करने के लिए निवास करते हैं। जो भी भक्त यहां आते हैं उनके लिए इनके दर्शन करना अधिक अनिवार्य होता है जो इनके दर्शन नहीं करता उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है।
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अब इन सब बातों से आप सबको इतना तो पता चल ही गया होगा कि हिंदू धर्म में इनका कितना महत्व है। तो अगर आपके मन भी इन्हें प्रसन्न करने के इच्छा जागृति हो रही है तो चलिए हम आपको बताते हैं इन्हें प्रसन्न करने के सबसे आसान उपाय।

इतना तो सब जानते ही होंगे कि हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता को प्रसन्न करने के लिए सबसे सरल तरीका है मंत्र जाप। तो आज हम भी आपको मासिक काल अष्टमी के खास अवसर पर इनके ऐसे ही मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं। इससे पहले कि हम जानें इनके खास मंत्रों के बारे में जानें बता दें इस साल यानि 2020 की पहली मासिक काल अष्टमी 17 जनवरी, शुक्रवार को पड़ रही है।

काल अष्टमी के दिन प्रातः स्नान आदि करने के बाद कुश के आसन पर बैठ जाएं, अब अपने सामने भगवान की छोटी प्रतिमा या चित्र रख लें तथा पंचोपचार विधि से इसकी पूजा करें।

अब रुद्राक्ष की माला लेकर 'ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:' मंत्र का जाप करें।
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किसी भी काल भैरव मंदिर में जाएं और इन्हें सिंदूर, तेल तथा चोला अर्पित करें। अगर आप जबलपुर के रहने वाले हैं तो आप लोग काल अष्टमी के मौके पर यहां के सबसे सिद्ध तांत्रिक मंदिर बाजना मठ जा सकते हैं। भैरव बाबा को नारियल की जलेबी का भोग लगाएं।

जो लोग इनकी विधिवत इनकी पूजा न कर पाए वो वो इनकी पूजा के तपर पर निम्न मंत्र का जाप कर सकते हैं। बता दें ये मंत्र बीज मंत्र कहलाता है।
ॐ कालभैरवाय नम:।
ॐ भयहरणं च भैरव:।
ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।
ॐ भ्रं कालभैरवाय फट्।

मान्यता है इस माला से कम से कम 11 माला जाप करना चाहिए।

काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए 21 पत्तियां लेकर चंदन से उनमें ॐ नमः शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। साथ ही इन पर एक मुखी रुद्राक्ष भी अर्पण करें। इसके अलावा इन्हें प्रसन्न करने के लिए आप इनके वाहन कुत्ते को प्रसन्न को एक रोटी पर मध्यमा और तर्जनी उंगली को तेल में डुबोकर लाइन बना लें और उसे दो रंग वाले किसी कुत्ते को खिला दें।
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