Edited By Lata,Updated: 03 Feb, 2020 09:57 AM
मासिक कार्तिगाई दीपम मुख्य रूप से तमिल हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार तमिल लोगों द्वारा मनाए जाने वाले
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मासिक कार्तिगाई दीपम मुख्य रूप से तमिल हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार तमिल लोगों द्वारा मनाए जाने वाले सबसे पुराने त्योहारों में से एक है। हिंदू पंचांग के अनुसार ये पर्व आज यानि 03 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन शाम के समय घरों और गलियों में तेल के दीप एक पंक्ति में जलाएं जाते हैं। कार्तिगाई दीपम का नाम कार्तिकाई या कृत्तिका नक्षत्र से लिया गया है। जिस दिन कृत्तिका नक्षत्र प्रबल होता है उस दिन कार्तिगाई दीपम को मनाया जाता है।
कार्तिगाई दीपम को भगवान शिव के सम्मान में किया जाता है। हिंदु पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी को अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए स्वयं को प्रकाश की अनन्त ज्योत में बदल लिया था, तो चलिए आज हम आपको इसकी पूजन विधि और कुछ उपाय के बारे में बताएंगे।
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उपाय
शिवलिंग के सामने आटे से बना सुगंधित तेल का 6 मुखी दीपक जलाने से अच्छी सेहल की प्राप्ति होती है।
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गुडलक पाने के लिए शिवालय में शुद्ध गाय के घी का 9 मुखी दीपक जलाएं।
परिवार से विवाद खत्म करने के लिए शिवलिंग पर चाशनी चढ़ाने से लाभ मिलेगा।
घर परिवार के नुकसान से बचने के लिए शिवलिंग पर गुलाबी फूल अर्पित करें।
अपनी प्रोफेशनल लाइफ को सक्सेस बनाने के लिए शिवलिंग पर गुलाबी धागा बांधे।
पूजन विधि
शाम के समय शिवालय जाकर शिवलिंग का पूजन करें। इत्र, सिंदूर, धतूरा, लाल फूल, दूध, शहद, घी, शक्कर, गुड़, दही, मिष्ठान, यज्ञोपवीत आदि समर्पित करें। सुगंधित तेल के 3 दीपक जलाएं, चंदन की अगरबत्ती जलाएं, गुलाबी कनेर का फूल चढ़ाएं, सफ़ेद चंदन चढ़ाएं, चावल की खीर का भोग लगाएं।