कल है मासिक कार्तिकगाई व्रत, क्या है हिंदू धर्म में इसका महत्व?

Edited By Jyoti,Updated: 23 Apr, 2020 06:43 PM

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हिंदू धर्म में रोज कोई न कोई पर्व व्रत या त्यौहार मनाया जाता है। 24 अप्रैल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की  प्रतिपदा तिथि दिन शुक्रवार को मासिक कार्तिकगाई का पर्व मनाया जाएगा।

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हिंदू धर्म में रोज कोई न कोई पर्व व्रत या त्यौहार मनाया जाता है। 24 अप्रैल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की  प्रतिपदा तिथि दिन शुक्रवार को मासिक कार्तिकगाई का पर्व मनाया जाएगा। हिंदू धर्म मैं इस त्योहार को कार्तिकगाई दीपक के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार यह त्यौहार कृतिका नक्षत्र के प्रबल होने पर पड़ता है खास तौर पर इस पर्व को तमिल हिंदुओं के द्वारा बनाया जाता है।

तमिल लोगों में यह त्यौहार एक प्राचीन पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग शाम के समय अपने घरों और गलियों में तेल के दीप एक पंक्ति में जलाते हैं। आमतौर पर यह त्योहार प्रत्येक मास में एक बार पड़ता है। परंतु इसका प्रमुख दिन कार्तिक मास में ही आता है, जिस समय सूर्य ग्रह वृश्चिक राशि में स्थित होता है।

बता दे धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिकगाई दीपम का यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है। जिन्हें इस सृष्टि के संहारक कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु और रचयिता ब्रह्मा जी को अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए स्वयं को प्रकाश की अनंत ज्योति में बदल दिया था।

यही कारण है कि इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। आगे दक्षिण की बात करें तो वहां मासिक कार्थिकाई के दिन तिरुवन्नामलाई की पहाड़ी पर बहुत बड़ी संख्या में शिवभक्त उपासना कर भगवान शंकर से अपने सुखी जीवन की कामना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा व्रत करने से हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।

बता दे वैसे यह त्यौहार कोई भी बना सकता है क्योंकि यह त्यैहार भगवान शंकर को समर्पित है। इसलिए न केवल तमिल के बल्कि दुनिया भर के शिव अनुयायी  इस दिन व्रत आदि कर भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं।

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