Edited By Lata,Updated: 22 Jan, 2020 05:14 PM
जैसे कि सब जानते ही हैं कि माघ का महीना सारे महीनों में से सबसे अधिक महत्व रखता है।
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जैसे कि सब जानते ही हैं कि माघ का महीना सारे महीनों में से सबसे अधिक महत्व रखता है। मान्यता है कि इस मास में आने वाली अमावस्या को माघ व मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। बता दें कि ये दिन इस साल 24 जनवरी को पड़ रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि इसी दिन शनि अपनी राशि बदलकर मकर राशि में प्रवेश कर लेगा। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान के बाद पितरों को जल देने से उनकी आत्मा को तृप्ति मिल जाती है, इसलिए इस पवित्र दिन पर तीर्थस्थलों पर पिंडदान किया जाता है। जानिए मौनी अमावस्या पर पितृ दोष की शांति के लिए क्या उपाय करें।
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए एक लोटे में जल लेकर उसमें लाल पुष्प और काले तिल डालें, फिर पितरों का ध्यान करते हुए इस जल को सूर्यदेव को दें। ऐसा करने के बाद पितरों से पितृ दोष की मुक्ति की प्रार्थना करें।
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इस दिन पितरों के लिए भोजन बनाएं जिसमें पहला भोजन गाय को दूसरा कुत्ते को और तीसरा कौए को दें। ऐसा करने से आपको पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होगा।
इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे पितरों के निमित्त घी का दीपक जलाएं। इससे भी पितृ दोष शांत होता है।
इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे कुश के आसन पर बैठकर ऊं ऐं पितृदोष शमनं हीं ऊं स्वधा मंत्र का जाप करें। इस मंत्र की 1, 3 या 5 बार माला जपें।
इस दिन दो जनेऊ लें जिसमें एक जनेऊ को अपने पितरों के नाम से और दूसरे जनेऊ को भगवान विष्णु के नाम लेते हुए अर्पित कर दें। इसके बाद पीपल के वृक्ष की 108 बार परिक्रमा लगाएं और सफेद रंग की मिठाई पीपल के वृक्ष को अर्पित करें।
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मौनी अमावस्या के दिन किसी गरीब व्यक्ति या किसी ब्राह्मण को सात तरह के अनाज या फिर तिल से बनी चीजों का दान करें। ऐसा करने से आपके पितर प्रसन्न होंगे।