Edited By Jyoti,Updated: 04 Feb, 2021 01:18 PM
ज्योतिष और धार्मिक शास्त्र में वर्णन मिलता है कि बुध ग्रह ज्ञाम के साथ-साथ विवेकपूर्ण व्यवहार के कारक ग्रह हैं। तो वहीं इनके मंत्रों का ध्यान करने वाले व्यक्ति का आर्थिक पक्ष मज़बूत होता है
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
ज्योतिष और धार्मिक शास्त्र में वर्णन मिलता है कि बुध ग्रह ज्ञाम के साथ-साथ विवेकपूर्ण व्यवहार के कारक ग्रह हैं। तो वहीं इनके मंत्रों का ध्यान करने वाले व्यक्ति का आर्थिक पक्ष मज़बूत होता है तथा कामकाज में बढ़ोतरी होती है। कहा जाता है कि बुध देव सूर्य के समीपस्थ ग्रह हैं, जिन्हें ऊर्जावान और प्रकृति प्रिय है तथा हरे रंग के कारण ग्रह है। माना जाता है कि हरा रंग लोगों को जोड़ने का रंग है। तो वहीं इस रंग को अपने अधिकार के संघर्ष का भी प्रतीक माना जाता है।
यही कारण है इनके मंत्रों का जाप करने से जातक को एक साथ कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। तो आइए जानते हैं इनके एक ऐसे ही प्रभावशाली मंत्र के बारे में जिसका जप करने से जातक में सहजता के साथ-साथ ध्यान प्रबलता आती है।
ध्यान मंत्र-
पीतमाल्यांबरधरः कर्णिकार समद्युतिः।
खड्गचर्मगदापाणिः सिंहस्थो वरदः बुधः।।
बता दें बुध ग्रह पर भगवान गणेश की विशेष कृपा रहती है। इतना ही नहीं बुध ग्रह का प्रतीक हरा रंग गणेश जी का भी मनपसंदीदा रंग माना जाता है। उन्हें हरी वस्तुएं, फल पत्ते और दूब, पान के पत्तों की माला अधिक प्रिय है। इसलिए कहा जाता है उपरोक्त मंत्र का जप करते हुए अगर इन ये चीज़ें गणेश जी पर अर्पित की जाएं तो अधिक लाभ प्राप्त होता है।
तो वहीं इस ध्यान मंत्र का पाठ निरंतर बनाए रखने से व्यवसाय बाधाएं स्वतः दूर होती हैं। शुभ प्रस्तावों में गति आती है, तमाम तरह के रुके हुए कार्य पूरे होने लगते हैं।