Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 May, 2020 09:01 AM
वह दिन का अंतिम समय था। सब घर जाने को तैयार थे, तभी प्लांट में एक तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गई और वह उसे दूर करने में जुट गया। जब तक वह कार्य पूरा करता, तब तक अत्यधिक देर हो गई
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वह दिन का अंतिम समय था। सब घर जाने को तैयार थे, तभी प्लांट में एक तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गई और वह उसे दूर करने में जुट गया। जब तक वह कार्य पूरा करता, तब तक अत्यधिक देर हो गई। दरवाजे सील हो चुके थे और लाइटें बुझा दी गई थीं। बिना हवा और प्रकाश के पूरी रात आइस प्लांट में फंसे रहने के भय से उसका कब्रगाह बनना तय था। घंटे बीत गए, तभी उसने किसी को दरवाजा खोलते पाया।
सिक्योरिटी गार्ड टार्च लिए खड़ा था। उसने उसे बाहर निकलने में मदद की। उस व्यक्ति ने सिक्योरिटी गार्ड से पूछा, ‘‘आपको कैसे पता चला कि मैं भीतर हूं?’’
गार्ड ने उत्तर दिया, ‘‘सर इस प्लांट में 50 लोग कार्य करते हैं, पर सिर्फ एक आप हैं जो सुबह मुझे ‘हैलो’ और शाम को जाते समय ‘बाय’ कहते हैं। आज सुबह आप ड्यूटी पर आए थे, पर शाम को बाहर नहीं निकले। इससे मुझे शंका हुई और मैं देखने चला आया।’’
वह नहीं जानता था कि किसी को छोटी सी शुभ कामना का सम्मान देना कभी उसका जीवन भी बचाएगा।
जब भी आप किसी से मिलें तो गर्मजोशी भरी मुस्कुराहट से उसका सम्मान करें। इससे आपको भी खुशी मिलेगी और सामने वाले व्यक्ति को भी। हमें नहीं पता, पर हो सकता है कि वह आपके जीवन में भी कोई चमत्कार दिखा दे।