भारत में नहीं, विदेशों में भी विराजमान हैं देवी

Edited By Jyoti,Updated: 02 Apr, 2019 07:11 PM

most famous temple of devi

इतना तो सब जानते हैं कि भारत देश में देवी के कई शक्तिपीठ हैं जो अधिक प्रसिद्ध है। यहां दूर-दूर से दर्शन करने भी आते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि हम आपको भारत में किसी शक्तिपीठ के बारे में बताने वाले होंगे।

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इतना तो सब जानते हैं कि भारत देश में देवी के कई शक्तिपीठ हैं जो अधिक प्रसिद्ध है। यहां दूर-दूर से दर्शन करने भी आते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि हम आपको भारत में किसी शक्तिपीठ के बारे में बताने वाले होंगे। परंतु नहीं, आज हम आपको भारत के नहीं बल्कि विदेशों में स्थापित देवी के मंदिरों में बारे में बताने जा रहे हैं। जी हां, आपको जानकर थोड़ी हैरानी होगी लेकिन ये सच है देवी के शक्तिपीठ न केवल भारत में है बल्कि अन्य कई देशों में जहां इन्हें अलग –अलग रूपों में पूजा जाता है। तो चलिए शुरू करते हैं विदेशी शक्तिपीठों की ये यात्रा-

जिन लोगों को नहीं पता उन्हें बता दें कि शक्तिपीठ की स्थापना माता सती के अंगों से हुई थी। मान्यता है कि जहां-जहां माता सती के शरीर के अंग गिरे वहां शक्तिपीठ स्थापित हो गए थे। तो आइए जानते हैं विदेशों में माता सती के अंग कहां गिरे थे, जहां आज की तारीख में भव्य मंदिर स्थापित हैं।

हिंगुला शक्तिपीठ (पाकिस्तान)
पाकिस्तना के बलूचिस्तान में हिंगुला नामक शक्तिपीठ स्थापित हैं, जिसे हिंगलाज देवी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर देवी सती का सिर गिरा था। कुछ लोक मान्यताओं के अनुसार इसे नानी मंदिर और नानी का हज भी कहते हैं।
PunjabKesari, हिंगुला शक्तिपीठ (पाकिस्तान)
बांग्लादेश के विभिन्न शक्तिपीठ
बंगलादेश के शिकारपुर में देवी सती का एक शक्तिपीठ स्थापित है, जहां देवी सती की नाक गिरी थी। इसके अलावा बंगलादेश में तीन अन्य शक्तिपीठ भी हैं। जिसमें से एक है अपर्णा शक्तिपीठ जो भवानीपुर गांव में है। मान्यता है कि यहां माता सती के शरीर का कोई अंग तो नहीं परंतु उनके बाएं पैर की पायल गिरी थी। तो वहीं एक शक्तिपीठ चटगांव में स्थित है। कहा जाता है कि यहां देवी की भुजा गिरी थी। यहां प्रचलित पौराणिक कथाओं के अनुसार बायीं हथेली बंगलादेश के यशोर नाम के शहर में गिरी थी।
PunjabKesari, बांग्लादेश के विभिन्न शक्तिपीठ
नेपाल के शक्तिपीठ
भारत की तरह नेपाल में भी कई शक्तिपीठ स्थापित, जो आस्था का केंद्र माने जाते हैं। यहां की गंडक नदी पर आद्याशक्ति पीठ है, जहां माता सती का दायां गाल गिरा था। तो वहीं गुहेश्वरी नामक मंदिर में माता के दोनों घुटने गिरे थे। बता दें ये मंदिर पशुपतिनाथ मंदिर के पास स्थित है। इसके अलावा जनकपुर में वनदुर्गा जयमंगला और उग्रतारा मंदिर हैं, जिन्हें शक्तिपीठ माना जाता है।
PunjabKesari, नेपाल के शक्तिपीठ
श्रीलंका में स्थित देवी का शक्तिपीठ
बंगलादेश की तरह श्रीलंका में भी देवी सती की पायल गिरी थी, जहां आज की तारीख में शक्तिपीठ स्थापित है। यहां विराजित मां को इंद्राणी के रूप में पूजा जाता है।
PunjabKesari, श्रीलंका में स्थित देवी का शक्तिपीठ
तिब्बत में स्थापित शक्तिपीठ
यहां की मानसरोवर नदी पर मानस नामक शक्तिपीठ स्थापित है। मान्यता है कि यहां देवी सती ही हथेली गिरी थी। 
PunjabKesari, तिब्बत में स्थापित शक्तिपीठ
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