Edited By Jyoti,Updated: 06 Sep, 2019 10:35 AM
वह नेक स्वभाव का व्यक्ति था। एक दिन उसने बगीचे में एक विकलांग वृद्धा को देखा जो व्हीलचेयर पर बैठी थी। वृद्धा बगीचे में सुन्दर फूलों को बड़े गौर से निहार रही थी। वह उस वृद्धा के पास पहुंचा और उससे बातचीत करने लगा।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
वह नेक स्वभाव का व्यक्ति था। एक दिन उसने बगीचे में एक विकलांग वृद्धा को देखा जो व्हीलचेयर पर बैठी थी। वृद्धा बगीचे में सुन्दर फूलों को बड़े गौर से निहार रही थी। वह उस वृद्धा के पास पहुंचा और उससे बातचीत करने लगा। उसने पूछा, ''माता जी, आप फूलों को इतना ध्यान से क्यों देख रही हैं? इसमें ऐसी क्या खास बात है जो इतने ध्यान से देखना पड़े?"
वृद्धा बोली, ''फूलों के जरिए मैं प्रकृति को देख रही हूं। उसका कमाल देखो, उसने दुनिया में अलग-अलग रंग भरे हैं। इसी कारण हम सभी में अनेक कमियों के होते हुए भी हम सबके अंदर गुणों का भरपूर खजाना है।"
वृद्धा के ये शब्द उस व्यक्ति के मर्म को छू गए। अब वह जब भी बगीचे में घूमने जाता तो अक्सर वृद्धा के साथ बातचीत करता। उन्हें इधर से उधर घुमाने में उसे खुशी महसूस होती। एक दिन व्हीलचेयर को घुमाते हए उसने अनुभव किया कि लोहे के पहिए जब ऊबड़-खाबड़ जमीन पर चलते हैं तो गहरे-गहरे झटके देते हैं। वह सोचने लगा कि व्हीलचेयर में ऐसा क्या सुधार किया जाए जिससे वृद्धा को झटके न झेलने पड़ें। तुरन्त कोई उपाय तो नहीं सूझा लेकिन यह ख्याल उसके साथ बना रहा। एक दिन उसकी नजर रबर पर पड़ी। उसे लगा कि इसका लचीलापन उपयोगी हो सकता है।
उसने रबर के कुछ गुच्छे लिए और उन्हें लोहे के पहियों के किनारों पर कस कर लपेट दिया। इससे व्हीलचेयर पर झटके लगने कम हो गए और वृद्धा को आराम मिलने लगा। वृद्धा ने उसे आशीर्वाद दिया, ''तुम आगे जाकर बहुत तरक्की करोगे।"
वृद्धा के आशीर्वचन रंग लाए। उस व्यक्ति ने रबर के गोल पहिए बनाने शुरू किए जिन्हें आजकल हम टायर कहते हैं। ये टायर शीघ्र ही पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गए। वह व्यक्ति कोई और नहीं जॉर्ज सी. डनलप थे जिनके बनाए डनलप टायर आज भी दुनिया भर में लोकप्रिय हैं।