Edited By Jyoti,Updated: 04 Jun, 2021 01:21 PM
एक बार रूसी लेखक टालस्टाय से उनके एक मित्र ने कहा, ‘‘मैंने तुम्हारे पास एक व्यक्ति को भेजा था। उसके पास उसकी प्रतिभा के काफी प्रमाण पत्र थे लेकिन तुमने उसे
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एक बार रूसी लेखक टालस्टाय से उनके एक मित्र ने कहा, ‘‘मैंने तुम्हारे पास एक व्यक्ति को भेजा था। उसके पास उसकी प्रतिभा के काफी प्रमाण पत्र थे लेकिन तुमने उसे नहीं चुना। मैंने सुना है कि तुमने उस पद के लिए जिस व्यक्ति को चुना है, उसके पास ऐसा कोई प्रमाण पत्र नहीं था। आखिर उसमें ऐसा कौन-सा गुण था कि तुमने मेरी बात की उपेक्षा कर दी?’’
टालस्टाय ने कहा, ‘‘मैंने जिसे चुना है उसके पास अमूल्य प्रमाण पत्र हैं। उसने मेरे कमरे में आने से पहले इजाजत मांगी थी। अंदर आने से पहले पैरों को दरवाजे पर रखा, ताकि बंद होने पर आवाज न हो। उसके कपड़े साधारण, परन्तु साफ-सुथरे थे। उसने बैठने से पूर्व कुर्सी साफ कर ली थी, उसमें आत्मविश्वास था। वह मेरे प्रश्र का ठीक और संतुलित जवाब दे रहा था। मेरे प्रश्र समाप्त होने पर वह इजाजत लेकर चुपचाप उठा और...चला गया।
उसने किसी तरह की चापलूसी या चयन के लिए सिफारिश की कोशिश भी नहीं की। ये ऐसे प्रमाण पत्र थे जो बहुत कम व्यक्तियों के पास होते हैं। ऐसे गुण सम्पन्न व्यक्ति के पास यदि लिखित प्रमाण पत्र न भी हों, तो कोई बात नहीं। आप ही बताइए, मैंने ठीक चयन किया या नहीं?’’ —रमेश जैन