Edited By Jyoti,Updated: 27 Jul, 2021 03:16 PM
महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन बहुत ही मेहनती एवं जुझारू प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। बचपन में उन्हें यह कहकर स्कूल से निकाल दिया गया कि वह मंदबुद्धि बालक है। उसी थॉमस एडिसन ने कई महत्वपूर्ण
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महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन बहुत ही मेहनती एवं जुझारू प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। बचपन में उन्हें यह कहकर स्कूल से निकाल दिया गया कि वह मंदबुद्धि बालक है। उसी थॉमस एडिसन ने कई महत्वपूर्ण आविष्कार किए जिनमें से ‘बिजली का बल्ब’ प्रमुख है। उन्होंने बल्ब का आविष्कार करने के लिए हजारों बार प्रयोग किए थे तब जाकर उन्हें सफलता मिली थी।
एक बार जब वह बल्ब बनाने के लिए प्रयोग कर रहे थे तभी एक व्यक्ति ने उनसे पूछा, ‘‘आपने करीब एक हजार प्रयोग किए लेकिन आपके सारे प्रयोग असफल रहे और आपकी मेहनत बेकार हो गई। क्या आपको दुख नहीं होता?’’
एडिसन ने कहा, ‘‘मैं नहीं समझता कि मेरे एक हजार प्रयोग असफल हुए हैं। मेरी मेहनत बेकार नहीं गई क्योंकि मैंने एक हजार प्रयोग करके यह पता लगाया है कि इन एक हजार तरीकों से बल्ब नहीं बनाया जा सकता। मेरा हर प्रयोग बल्ब बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है और मैं अपने प्रत्येक प्रयास के साथ एक कदम आगे बढ़ता हूं।’’
कोई भी सामान्य व्यक्ति होता तो वह जल्द ही हार मान लेता लेकिन थॉमस एडिसन ने अपने प्रयास जारी रखे और हार नहीं मानी। आखिरकार एडिसन की मेहनत रंग लाई और उन्होंने बल्ब का आविष्कार करके पूरी दुनिया को रोशन कर दिया। थॉमस एडिसन का विश्वास ही था जिसने आशा की किरण को बुझने नहीं दिया।