Edited By Yaspal,Updated: 28 Nov, 2021 12:36 AM
एक बार सूर्य तथा हवा आपस में बात कर रहे थे। हवा ने डींग मारी कि, ‘‘प्राकृतिक बलों में से मैं सबसे शक्तिशाली हूं। मैं पेड़ों को जड़ों से उखाड़ फैंक सकती हूं, मैं घरों तक को अपने वेग से उड़ा सकती हूं।’’
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एक बार सूर्य तथा हवा आपस में बात कर रहे थे। हवा ने डींग मारी कि, ‘‘प्राकृतिक बलों में से मैं सबसे शक्तिशाली हूं। मैं पेड़ों को जड़ों से उखाड़ फैंक सकती हूं, मैं घरों तक को अपने वेग से उड़ा सकती हूं।’’ गुस्से में हवा ने कहा, ‘‘क्या हम दोनों मुकाबला करें ताकि हम दोनों की ताकत का पता चले।’’
इतने में एक बूढ़ा आदमी ठंड में कोट पहने चल रहा था। हवा बोली, ‘‘ठीक है, हममें से जो कोई इस व्यक्ति को कोट उतारने के लिए मजबूर करेगा, वही दोनों में से ज्यादा ताकतवर होगा।’’
सूर्य ने भी इस मुकाबले के लिए हां कर दी। हवा तेजी से चलने लगी तो बूढ़े व्यक्ति ने अपना कोट कस कर पकड़ लिया। हवा और तेज हो गई तो बूढ़े व्यक्ति ने और जोर से अपना कोट पकड़ लिया।
आखिर हवा ने हार मानी और सूर्य से बोली, ‘‘अब आपकी बारी है।’’
सूर्य ने किरणों का तेज बढ़ाना शुरू कर दिया। बूढ़े व्यक्ति ने खुद से कहा, ‘‘हां! अब मैं बेहतर महसूस कर रहा हूं।’’
जल्द ही उसने कोट उतार दिया क्योंकि उसे अब गर्मी लग रही थी। सूर्य ने हवा से कहा, ‘‘मेरी दोस्त हवा... कई बार विनम्रता कठोरता से ज्यादा ताकतवर होती है।’’