Edited By Jyoti,Updated: 07 Jun, 2022 06:08 PM
जीवन में बड़ा आदमी बनने पर भी छोटे आदमियों का ध्यान रखना एक ऐसा अद्भुत गुण है, जो बहुत कम लोगों में रहता है। एक समय की बात है कि स्कॉटलैंड के एक निर्धन परिवार में एक बालक ने जन्म लिया।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जीवन में बड़ा आदमी बनने पर भी छोटे आदमियों का ध्यान रखना एक ऐसा अद्भुत गुण है, जो बहुत कम लोगों में रहता है। एक समय की बात है कि स्कॉटलैंड के एक निर्धन परिवार में एक बालक ने जन्म लिया। उसका पिता छोटा-सा खोमचा लेकर फेरी लगाया करता था और मां घर पर केक बनाकर सड़क के नुक्कड़ पर बेचा करती थी। होश संभालने पर बालक को एहसास हो गया कि इस गरीबी के वातावरण में रह कर उसका विकास नहीं हो सकता। कुछ दिनों में अपने माहौल से ऊब कर वह कुछ कर दिखाने के लिए अमरीका चला गया।
वहां उसे एक इस्पात कम्पनी में चपरासी का पद मिल गया। काम ज्यादा नहीं था- जब घंटी बजती वह मैनेजिंग डायरैक्टर के सामने हाजिर हो जाता और काम पूरा करके कैबिन के बाहर स्टूल पर बैठ जाता। उसे बेकार समय गुजारना अच्छा नहीं लगता था इसलिए मैनेजिंग डायरैक्टर से उसने इजाजत ली कि खाली समय में वह उनकी अलमारी से किताब निकाल कर पढ़ेगा और फिर उसे सुरक्षित अलमारी में रख देगा।
वह वहां खाली समय में पुस्तकें पढऩे लगा। एक दिन अहम मीटिंग में डायरैक्टरों के बीच किसी बात पर विवाद होने लगा। वे लोग किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पा रहे थे। वह चपरासी सारी चर्चा सुन रहा था। वह अपने स्थान से उठा और अलमारी से एक पुस्तक निकाल कर उस पृष्ठ को खोल कर डायरैक्टरों की मेज पर रख दी जिसमें उस प्रश्र का उत्तर था।
इसके बाद सभी ने एक स्वर में उसकी विद्वता को सराहा। उस चपरासी ने उद्देश्यपूर्ण और योजनाबद्ध ढंग से स्वाध्याय करके दिखा दिया कि अध्ययन के बल पर व्यक्ति बड़ी से बड़ी योग्यताएं हासिल कर सकता है। प्रगति के मामले में वह यहीं रुका नहीं रहा। परिश्रम, लगन और निरंतर स्वाध्याय से उसने अच्छा-खासा धन भी अर्जित किया और आगे चल कर वह अमरीका का मशहूर दानवीर एंड्रयू कार्नेगी बना जिसकी दानवीरता के चर्चे पूरे अमरीका में विख्यात है।‘