Edited By Jyoti,Updated: 01 Jul, 2022 11:25 AM
सिकंदर अपनी शक्ति के बल पर दुनिया भर में राज करने लगा था। वह अमर होना चाहता था। उसे पता लगा कि कहीं ऐसा जल है जिसे पीने से व्यक्ति अमर हो सकता है। देश-दुनिया में भटकने के बाद आखिरकार सिकंदर ने उस जगह
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सिकंदर अपनी शक्ति के बल पर दुनिया भर में राज करने लगा था। वह अमर होना चाहता था। उसे पता लगा कि कहीं ऐसा जल है जिसे पीने से व्यक्ति अमर हो सकता है। देश-दुनिया में भटकने के बाद आखिरकार सिकंदर ने उस जगह को खोज लिया जहां पर उसे अमृत प्राप्त हो सकता था। वह एक पुरानी गुफा थी जहां पर कोई आता-जाता नहीं था। देखने में वह बहुत डरावनी लग रही थी, लेकिन सिकंदर ने एक जोर से सांस ली और गुफा में प्रवेश कर गया। वहां पर उसने देखा कि गुफा के अंदर एक अमृत का झरना बह रहा है।
उसने जल पीने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि एक पक्षी की आवाज आई। पक्षी गुफा के अंदर ही बैठा था। वह जोर से बोला रुक जा, भूल मत करना। सिकंदर ने पक्षी की तरफ देखा। वह बड़ी ही दयनीय अवस्था में था, पंख झड़ गए थे, शरीर जर्जर हो गया था, कंकाल मात्र ही शेष रह गया था।
1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें
सिकंदर ने कहा तू कौन होता है मुझे रोकने वाला? मैं पूरी दुनिया को जीत सकता हूं तो यह अमृत पीने से मुझे तू कैसे रोक सकता है। तब पक्षी आंखों से आंसू टपकाते हुए बोला कि मैं भी अमृत की तलाश में ही इस गुफा में आया था और मैंने जल्दबाजी में अमृत पी लिया। अब मैं कभी मर नहीं सकता, पर मैं मरना चाहता हूं। देख लो मेरी हालत।
पक्षी की बात सुनकर सिकंदर देर तक सोचता रहा। काफी देर बाद बिना अमृत पिए ही चुपचाप वह गुफा से वापस लौट आया। सिकंदर समझ चुका था कि जीवन का आनंद उस समय तक ही रहता है जब तक हम उस आनंद को भोगने की स्थिति में होते हैं।