मानव जीवन से अंकों का क्या है लेना-देना, जानें यहां

Edited By Jyoti,Updated: 14 May, 2022 03:39 PM

mulank and destiny

भारतीय सभ्यता में संख्याओं को लेकर हमेशा से एक खास किस्म की उत्तेजना रही है। यह बात आश्चर्यजनक शायद इसलिए नहीं लगती क्योंकि हमने ही कभी गणित के रहस्यों को सुलझाया था। अंकों की निराली माया शुरू से ही मनुष्य को प्रभावित करती रही है।

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भारतीय सभ्यता में संख्याओं को लेकर हमेशा से एक खास किस्म की उत्तेजना रही है। यह बात आश्चर्यजनक शायद इसलिए नहीं लगती क्योंकि हमने ही कभी गणित के रहस्यों को सुलझाया था। अंकों की निराली माया शुरू से ही मनुष्य को प्रभावित करती रही है। आज यदि हमारे जीवन में अंकों का स्थान नहीं हो तो हमारा जीवन कैसा होगा? बिना अंकों के हम अपने जीवन में एक अधूरापन-सा महसूस करेंगे क्योंकि आज दैनिक जीवन में हम न जाने कितनी बार अंकों का उपयोग करते हैं। इनके बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते।

अंक हमारे दैनिक जीवन के उपयोग में तो आते ही हैं, यही अंक हमारे जीवन को बहुत हद तक प्रभावित भी करते हैं जिस तरह  ब्रह्मांड  में स्थित ग्रह-नक्षत्रों का हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है, उसी तरह इन अंकों का अथवा हमारे मूलांक का हमारे जीवन पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है।

मूलांक-1
मूलांक 1 वाले व्यक्ति अधिक सहिष्णु, सहनशील एवं गंभीर होते हैं। इनके जीवन में निरंतर उत्थान-पतन होते रहते हैं। संघर्ष इनके जीवन का प्रमुख ङ्क्षबदू होता है। नेतृत्व की भावना भी प्रबल होती है। ये जो कार्य  भी हाथ में लेते हैं, उसे अच्छी तरह निभाते एवं सम्पन्न करने की सामथ्र्य भी रखते हैं।

मूलांक-2
मूलांक 2 से संबंधित व्यक्ति अपने अधिक कल्पनाशील, भावुक, सहृदय, सरलचित्त एवं कोमलप्राण होते हैं। ये नई से नई कल्पनाओं की दृष्टि में रमे रहते हैं। ऐसे व्यक्ति न तो अधिक समय तक एक ही कार्य पर स्थिर रह सकते हैं और न ही लम्बे समय तक सोच सकते हैं। इन्हें नित्य नए विचार सूझते हैं और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए यह जूझते हुए दूर से दिखाई देते हैं। आत्मविश्वास की इनमें कमी रहती है। फलस्वरूप यह तुरन्त निर्णय नहीं ले पाते। चाहे छोटी से छोटी और बड़ी-बड़ी समस्या हो, यह उसमें उलझे रहते हैं। यह काम करूं या नहीं करूं, इस पर तुरन्त निर्णय ले लेना इनके वश की बात नहीं। स्वभाव से शंकालु होते हुए भी दूसरों के भले का पूरा ध्यान रखते हैं। ‘न’ कहना इनके वश की बात नहीं।

मूलांक-3
मूलांक 3 साहस, शक्ति, दृढ़ता तथा संघर्ष का जीवंत उदाहरण है। इनका जीवन संघर्ष का जीवन है और इस प्रकार के व्यक्तियों को पग-पग पर संघर्ष करना पड़ता है। विचारों को व्यवस्थित रूप से अभिव्यक्त करने में ये कुशल होते हैं।  अपनी भावनाओं एवं विचारों का जिस उत्तम रीति से यह दिग्दर्शन करा सकते हैं, वैसे अन्य कम होते हैं।

मूलांक-4
यह मूलांक विशेष : उथल-पुथल से संबंधित है। ऐसे व्यक्ति जीवन में शांत बनकर बैठ जाएं, यह संभव ही नहीं है। वे निरंतर क्रियाशील रहते हैं। ऐसे व्यक्ति बीच में कहीं नहीं हैं या तो ये उन्नति के सर्वोच्च शिखर पर होंगे या फिर पतन के गहरे गर्त में। भाग्योन्नति में निरंतर उतार-चढ़ाव इन्हें देखने पड़ते हैं। स्वभाव में बड़े क्रोधी एवं तुनकमिजाज होते हैं. मन से हटकर जरा-सा भी कार्य हो जाए पर ये आपे से बाहर हो जाते हैं लेकिन जितनी गति से क्रोध चढ़ता है उतनी ही तीव्र गति से वह उतर भी जाता है। जीवन में शत्रुओं की कमी नहीं रहती परन्तु इनका व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा होता है कि शत्रु स्वत: ही परास्त हो जाते हैं।

मूलांक-5
मूलांक-5 वाले जातक क्रियाशील होते हैं। वे झुकते नहीं, झुकाने में विश्वास रखते हैं। इनके जीवन का सबसे बड़ा गुण है दूसरों को सम्मोहित करने की कला। कुछ ही क्षणों की बातचीत में ये दूसरों को अपना बना लेते हैं, यही नहीं, उसे अपना स्थायी मित्र भी बना लेते हैं। मस्तिष्क उर्वर तथा बुद्धि प्रखर होती है तुरन्त निर्णय लेना इनका सबसे बड़ा गुण है, अपरिचित व्यक्ति को देखते ही ये भांप जाते हैं कि वह क्यों आया है? मुझसे क्या चाहता है और उसे क्या देना है। इसका तुरन्त और पूर्व निर्णय ले लेना इनकी विशेषता होती है।

मूलांक-6
दीर्घायु, स्वस्थ, सबल, हंसमुख एवं दूसरों को सम्मोहित करने का गुण जितना मूलांक 6 में है, उतना अन्य किसी भी मूलांक में नहीं है।
कलाकार का हृदय एवं सौंदर्यवृत्ति इनमें जन्मजात होती है। अधिक से अधिक सुंदर बने रहना इनका स्वभाव होता है। पूर्णत: भौतिक सुखों में आस्था रखते हुए ये जीवन का सही आनंद उठाते हैं। धन का अभाव रहते हुए भी हृदय से उदार एवं नीतिज्ञ होते हैं।

मूलांक-7
मूलांक 7 सहृदय, सहिष्णु एवं सहभोगी भावना का प्रतीक है। आप में मूलत: तीन विशिष्ट गुण हैं-मौलिकता, दूसरा-स्वतंत्र विचार शक्ति और तीसरा विशाल व्यक्तित्व जिन वस्तुओं को लोग व्यर्थ और बेकार समझते हैं उसमें भी कुछ उपयोगिता आप ढूंढ ही निकालेंगे।  आप प्रतिक्षण कुछ न कुछ सोचते ही रहते हैं। आपका मस्तिष्क खाली या निष्क्रिय नहीं रह सकता और वह सोचना कुछ न कुछ सार रखता है।

मूलांक-8
अंक ज्योतिष में मूलांक 8 को ‘विश्वास का अंक’ कहा गया है जिसका स्वामी शनि है। आपका स्वभाव सहयोगी है, जब तक आप किसी के मित्र और सहयोगी हैं प्रत्येक रूप से आप उसे सहायता पहुंचाते रहते हैं, उसके जीवन  की ढाल बनकर रहते हैं और विशाल वट वृक्ष की तरह अपनी शीतल छाया से उसे सुख पहुंचाते रहते हैं, परन्तु जब आप किसी पर क्रोधित हो जाते हैं या किसी से शत्रुता कर लेते हैं तब आपका रूप प्रचंड हो जाता है और सभी प्रकार  से आप उसे नष्ट करने पर तुल जाते हैं। मन में इस प्रकार से गांठ बांध लेते हैं कि सभी प्रकार से उसे परास्त करके ही दम लेते हैं।

मूलांक-9
मूलांक 9 के जातक धनी होते हैं, शारीरिक रूप से भी और मानसिक रूप से भी। इनका साहस कभी-कभी इतना अधिक बढ़ जाता है कि वह दुस्साहस का रूप धारण कर लेता है। यही वे वीर होते हैं जो अपने अद्भुत एवं चुनौती  भरे कार्यों से नाम अमर कर जाते हैं। यद्यपि ये व्यक्ति ऊपर से प्रचंड, कठोर और विस्फोटक होते हैं परन्तु अंदर से कोमल होते हैं। अनुशासन को जीवन में सर्वोपरि मानते हैं और जिस किसी भी कार्य के लिए  ये स्वीकृति दे देते हैं, उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं। इनका प्रधान ग्रह मंगल है जोकि युद्ध का देवता है। हारकर, परास्त होकर या नीचा देखकर ये जीने वाले नहीं। -पं. कमल राधाकृष्ण ‘श्रीमाली’  
 

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