Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Jul, 2020 07:16 AM
आमतौर पर 12 कालसर्प योग होते हैं और नाग पंचमी कालसर्प योग के निवारण के लिए विशेष रूप से फलदाई मानी जाती है। जो 12 कालसर्प योग हैं, उनमें अनंत, कुलिक, वासुकी, शंखपाल,
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Nag Panchami 2020: आमतौर पर 12 कालसर्प योग होते हैं और नाग पंचमी कालसर्प योग के निवारण के लिए विशेष रूप से फलदाई मानी जाती है। जो 12 कालसर्प योग हैं, उनमें अनंत, कुलिक, वासुकी, शंखपाल, पदम, महापदम, तक्षक, कर्कोटक, शंखचूड़, घातक विषाक्तर व शेषनाग योग शामिल हैं। यह सब योग अलग-अलग समस्याएं उत्पन्न करते हैं।
अब आपको यह जिज्ञासा होगी कि कैसेे पता चलता है कि हमारी कुंडली में कालसर्प दोष है या नहीं। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु ग्रह के बीच अन्य सभी ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है क्योंकि कुंडली के एक घर में राहु और दूसरे घर में केतु के बैठे होने से अन्य सभी ग्रहों से आ रहे फल रुक जाते हैं और इन ग्रहों के शुभ फलों का प्रभाव रुक जाने से व्यक्ति के जीवन में परेशानी आने लगती है।
चाहे यह परेशानियां दांपत्य जीवन से संबंधित हों, काम से संबंधित हों, धन से संबंधित हों या बिजनेस से संबंधित। जब कुंडली के भावों में सारे ग्रह दाहिनी और हों तो वह कालसर्प योग नुकसानदायक नहीं होता लेकिन जब सारे ग्रह बाई ओर रहें, तो वह काल सर्प दोष नुकसानदायक होता है।
नाग पंचमी पर कालसर्प योग से निजात प्राप्त करने के लिए इस विधि से करें पूजा
नाग पंचमी व्रत के लिए तैयारी चतुर्थी के दिन से ही शुरु कर देनी चाहिए। चतुर्थी के दिन एक समय का भोजन करें। इसके बाद पंचमी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। पूजा के लिए नागदेव का चित्र चौकी के ऊपर रखें। फिर हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें। कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर लकड़ी के पट्टे पर बैठे सर्प देवता को अर्पित करें। पूजा के बाद नाग देवता की आरती उतारें और अंत में नाग पंचमी की कथा अवश्य सुनें।
गुरमीत बेदी
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