नारद पुराण: इन कामों को करने वाले लोगों से हमेशा नाराज़ रहती है देवी लक्ष्मी

Edited By Jyoti,Updated: 08 May, 2020 05:43 PM

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आज 8 मई वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नारद जयंती का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन नारद मुनि की पूजा का विधान है।

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आज 8 मई वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नारद जयंती का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन नारद मुनि की पूजा का विधान है। तो वहीं आज शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा का भी खास महत्व माना जाता है। इसीलिए इस शुभ अवसर पर हम आज आपको बताएंगे नारद पुराण में बताए गए 8 ऐसे कारण जिन से देवी लक्ष्मी आप से रूठ सकती हैं। आइए जानते हैं नारद पुराण में देवी लक्ष्मी से जुड़ी खास बातें जो आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती हैं-
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धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ब्रह्मा जी के 17 मानस पुत्रों में से एक नारद मुनि थे जिन्हें अपनी बुद्धि और ज्ञान के कारण देवता असुर ऋषि आदि सभी से सम्मान प्राप्त होता था। कहां जाता है इन्होंने अपने इसी ज्ञान के बल पर विषयों के साथ विचार विमर्श करके एक पुराण की रचना की थी जिसे नारद पुराण कहा जाता है। बताया जाता है इस पुराण में जीवन मृत्यु के अलावा हिंदू धर्म के तमाम व्रत और त्योहार तथा लोकाचार व गृहस्थ जीवन के नियम भी बताए गए हैं। इसमें किए वर्णन के अनुसार जो  गृहस्थ व्यक्ति अपने जीवन में धन और सुख की कामना रखता है उसे आगे बताए जाने वाली देवी लक्ष्मी से संबंधित इन बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए अन्यथा देवी लक्ष्मी रूठ कर घर से हमेशा हमेशा के लिए चली जाती है।

नारद मुनि कहते हैं किसी भी व्यक्ति को दिन के समय सोना नहीं चाहिए। इनके अनुसार जो व्यक्ति दिन में सोता है उसको अपने जीवन में धन की हमेशा कमी रहती है , व्यक्ति रोगी होता है यानी उसको कोई ना कोई बीमारी पकड़ लेती है तथा उसकी आयु धीरे-धीरे कम होने लगती है।

इसके बाद नारद जी ऋषि सौनक से कहते हैं जो व्यक्ति अपना भला चाहता है उसे कभी अपने दोनों हाथों से सर नहीं खुजलाना चाहिए। इससे उसके जीवन में नकारात्मक अच्छा होता है साथ ही कहा जाता है सर को कुछ आने के बाद शरीर का स्पर्श करना शास्त्रों के अनुसार अशुभ माना जाता है।

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नारद पुराण के अनुसार कभी भी किसी व्यक्ति को अपने एक पैर से दूसरे पैर को दबा कर बैठना यह सोना नहीं चाहिए, इससे आयु के साथ-साथ धन की भी हानि होती है। तो वहीं इससे जुड़ी एक कथा पुराणों में है जिसके अनुसार एक बार एक हाथी अपने पैर पर पैर चढ़ाकर बैठा था। जिसे देखकर भगवान विष्णु समझ गए कि हाथी की आयु खत्म होने वाली है। भगवान ने सुदर्शन चक्र से हाथी का सिर काट दिया हाथी का रहस्य गजानन के कटे सिर के स्थान पर लगाया गया। 

नारद पुराण की मानें तो सिर में लगाने वाले तेल को कभी भी शरीर पर नहीं लगाना चाहिए यानी सर पर लगाए जाने के बाद जो तेल बचता है उसे शरीर पर लगाना शुभ माना जाता है। इससे स्वास्थ्य की हानि होती है तथा धन का भी नुकसान होता है।

कुछ लोगों की आदत होती है कि मैं निर्वस्त्र होकर सोते हैं परंतु नारद पुराण के अनुसार ऐसा करना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इसे देवताओं और पुत्र दोनों का अपमान होता है साथ ही साथ ऐसा करने से देवी लक्ष्मी दुरुस्त हो जाती है विराम। पुराणों के अनुसार सपने में निर्वस्त्र होकर स्नान करना पाप बताया है।

नारद जी के अनुसार बाएं हाथ से पानी पीना अशुभ माना जाता है। शास्त्रों में भोजन करना और पानी पीना दोनों को देव तुल्य माना गया है। अन्न, देवी अन्नपूर्णा होती है जबकि जल को वरुण देव माना गया है धार्मिक ग्रंथ प्रकार का यज्ञ बताया गया है। इसलिए कहा गया है कि बाएं हाथ अशुभ,  कोई भी शुभ काम भी इसके द्वारा न किया जाने का विधान है, इसलिए अपना चाहने वाला व्यक्ति कभी नहीं करें।

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