Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Mar, 2020 07:33 AM
आज शुक्रवार, 6 मार्च 2020 को फाल्गुन माह की एकादशी और द्वादशी तिथि एक साथ पड़ रही है। इन पवित्र तिथियों को नरसिंह द्वादशी और आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर की
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आज शुक्रवार, 6 मार्च 2020 को फाल्गुन माह की एकादशी और द्वादशी तिथि एक साथ पड़ रही है। इन पवित्र तिथियों को नरसिंह द्वादशी और आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर की मान्यता के अनुसार ये दिन हर वर्ष फरवरी या मार्च माह में मनाया जाता है। हिंदू पुराणों के अनुसार इस विशेष दिन पर व्रत-उपवास, पूजा-पाठ और खास मंत्र जाप से आप अपने दुश्मनों पर हमेशा के लिए जीत हासिल कर सकते हैं, विजय श्री सदा आपके अंग-संग रहेंगी। आज शुक्रवार है, महालक्ष्मी का वार है। विष्णु प्रिया को प्रसन्न करना भी आसान है।
आमलकी एकादशी का शुभ मुहूर्त
आमलकी एकादशी तिथि का आरंभ 5 मार्च की दोपहर 1:18 से हो जाएगा और इसका समापन 6 मार्च की सुबह 11:47 पर होगा।
पारण का समय: 7 मार्च की सुबह 6:40 से 9:01 तक
दुश्मनों को मिलेगी मात और लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान
शुभ समय में मूलाधार चक्र के षं मंत्र का 11 माला जाप करने पर व्यक्ति के पूर्व जन्मों में किए गए सभी पाप और बुरे कर्म नष्ट होने शुरु हो जाते हैं। जिन लोगों को इस जन्म में मेहनत करने के बाद भी सफलता हासिल नहीं हो रही, उनके लिए भी सफलता के योग बनने शुरु हो जाते हैं। पाप कर्म ही सफलता में रोड़ा बनते हैं इसलिए ये जाप आज से आरंभ करके नित्य प्रति लगातार 21 दिन तक करें।
इसके बाद आप अपने जीवन में चमत्कारी तरीके से सफलता प्राप्त करना शुरु कर देंगे। साथ ही मूलाधार चक्र, जो जीवन में धन की संपन्नता का प्रतीक है। जितनी भी भौतिक और उपभोग की वस्तुएं हैं, उन सभी का कारक है। मूलाधार चक्र लाल रंग के फूल का प्रतीक है। इसकी चार पत्तीयां हैं और षं मंत्र इसकी तीसरी पत्ती का मंत्र है। जो पूर्व जन्म और इस जन्म के पापों को नष्ट करता है। जब ये चक्र होंद में आता है तो मंगल शुभ स्थिति में आ जाता है। उसके बाद शुरु होते हैं व्यक्ति के अच्छे दिन।
मीना कुमारी
meena.cosmichealer@gmail.com