श्री कृष्ण और सुदामा की दोस्ती का प्रतीक है ये मंदिर

Edited By Jyoti,Updated: 01 May, 2018 05:25 PM

narayan dhaam in ujjain

भारत में बहुत से कृष्ण मंदिर स्थापित हैं, जिनकी विभिन्न मान्यताएं हैं। इन मंदिरों में उनके साथ उनकी प्राणप्रिया राधारानी या उनकी पत्नी देवी रूकमणी के दर्शन किए जा सकते हैं। मध्य प्रदेश के उज्जैन से कुछ दूरी पर नारायण धाम मंदिर स्थित है।

भारत में बहुत से कृष्ण मंदिर स्थापित हैं, जिनकी विभिन्न मान्यताएं हैं। इन मंदिरों में उनके साथ उनकी प्राणप्रिया राधारानी या उनकी पत्नी देवी रूकमणी के दर्शन किए जा सकते हैं। मध्य प्रदेश के उज्जैन से कुछ दूरी पर नारायण धाम मंदिर स्थित है। वहां के स्थानीय लोगों का कहना है की यह मंदिर श्री कृष्ण और उनके बाल सखा सुदामा की दोस्ती को समर्पित है।

 

भगवान श्रीकृष्ण शिक्षा ग्रहण करने उज्जैन स्थित गुरु सांदीपनि के आश्रम में आए थे, ये बात तो सभी जानते हैं। यही वह जगह जहां उनकी मित्रता सुदामा नाम के गरीब ब्राह्मण से हुई थी। श्रीमद्भागवत के अनुसार एक दिन गुरु माता ने श्रीकृष्ण व सुदामा को लकड़ियां लाने के लिए भेजा। आश्रम लौटते समय तेज बारिश शुरू हो गई और श्रीकृष्ण-सुदामा ने एक स्थान पर रुक कर विश्राम किया। मान्यता है कि नारायण धाम वही स्थान है जहां श्रीकृष्ण व सुदामा बारिश से बचने के लिए रुके थे। इस मंदिर में दोनों ओर स्थित हरे-भरे पेड़ों के बारे में लोग कहते हैं कि ये पेड़ उन्हीं लकड़ियों के गट्ठर से फले-फूले हैं जो श्रीकृष्ण व सुदामा ने एकत्रित की थी।

 

श्रीकृष्ण व सुदामा की मित्रता का प्रमाण नारायण धाम 
नारायण धाम मंदिर उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील सेे करीब 9 किलोमीटर दूर स्थित है। यह भारत वर्ष में एक मात्र मंदिर है, जहां भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्र सुदामा के साथ प्रतिमा के रूप में विराजित हैं। श्रीकृष्ण व सुदामा की मित्रता का प्रमाण नारायण धाम मंदिर में स्थित पेड़ों के रूप में आज भी देखा जा सकता है। मंदिर प्रबंध समिति व प्रशासन के सहयोग से अब इस मंदिर को मित्र स्थल के रूप में नई पहचान दी जा रही है।

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!