Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Mar, 2018 09:21 AM
नवरात्र दुर्गा मां का उत्सव है। नवरात्र के नौ दिन मां के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है तथा प्रत्येक देवी स्वरूप शक्ति का अवतार है। नवरात्र का त्यौहार मां दुर्गा के महिषासुर नामक असुर के साथ हुए युद्ध और उस पर उनकी विजय का प्रतीक है।
नवरात्र दुर्गा मां का उत्सव है। नवरात्र के नौ दिन मां के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है तथा प्रत्येक देवी स्वरूप शक्ति का अवतार है। नवरात्र का त्यौहार मां दुर्गा के महिषासुर नामक असुर के साथ हुए युद्ध और उस पर उनकी विजय का प्रतीक है। यह वर्ष में दो बार आता है। इसके अलावा गुप्त नवरात्र पर भी लोग मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं। चैत्र नवरात्र से नववर्ष के पंचांग की गणना शुरू होती है। नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना की जाती है। इसके बाद नवरात्र के नौ दिन मां के लिए उपवास रखा जाता है। आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पडऩे वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र कहलाते हैं।
मां शैलपुत्री
नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री देवी का वह अवतार है जिसने पर्वतों के राजा हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया था, इन्हें पार्वती के नाम से भी जाना जाता है। पार्वती नाम पर्वत शब्द से निकला है, पहाड़ को संस्कृत में पर्वत कहा जाता है। अपने पूर्व जन्म में देवी पार्वती सती थीं।
मां ब्रह्मचारिणी
नवरात्र के दूसरे दिन देवी दुर्गा के उमा या ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है। देवी का यह स्वरूप परम सत्य जानने के लिए तप या गहरी तपस्या को दर्शाता है।
मां चंद्रघंटा
तीसरे दिन मां दुर्गा के शेरां वाली माता या चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है। यह मां दुर्गा का लोकप्रिय अवतार है।
मां कूष्मांडा
नवरात्र की नौ देवियों में से कूष्मांडा माता भी एक रूप हैं। उन्हें एक गुर्राते हुए सिंह के ऊपर बैठा हुआ दिखाया जाता है तथा इनके आठ हाथों में सात प्रकार के शस्त्र होते हैं।
मां स्कंदमाता
नवरात्र की पांचवीं देवी ने अपने पुत्र स्कंद को अपनी भुजाओं में पकड़ा हुआ है। यह देवी अग्नि से उत्पन्न हुई हैं तथा ज्ञान और बुद्धि प्राप्त करने के लिए इनकी पूजा की
जाती है।
मां कात्यायनी
मां दुर्गा को पुत्री के रूप में प्राप्त करने के लिए ऋषि कात्यायन ने कई वर्षों तक तपस्या की। देवी ने ऋषि की इच्छा पूर्ण की तथा ऋषि की पुत्री के रूप में मां कात्यायनी का जन्म यमुना नदी के किनारे हुआ।
मां कालरात्रि
देवी दुर्गा का यह अवतार अमावस्या की रात जैसा काला है अत: इनका नाम कालरात्रि है। उनके बाल बिखरे और खुले हुए होते हैं। मां कालरात्रि मानव जाति की संरक्षक तथा बुरी शक्तियों की विनाशक हैं।
मां महागौरी
महागौरी संपूर्ण परिवार की देवी हैं। वह परिवार को शांति, अन्न और समृद्धि प्रदान करती हैं। वह बैल पर सवार होती हैं तथा उन्होंने सफेद रंग के वस्त्र पहने हैं।
मां सिद्धिदात्री
मां ‘सिद्धिदात्री शक्ति का या देवी का परम अवतार हैं, जिनकी पूजा सभी देवों द्वारा की जाती है। मां सिद्धिदात्री को सभी आठ सिद्धियां प्राप्त हैं, अत: इनका आधा शरीर भगवान शिव का है। जब हम भगवान शिव के अर्धनारीश्वर अवतार को देखते हैं, तब उनका आधा शरीर मां सिद्धिदात्री का होता है।