Kundli Tv- नवरात्र की अष्टमी को करें इस मंत्र का जाप, कभी साथ नहीं छोड़ेगा आपका प्यार

Edited By Jyoti,Updated: 16 Oct, 2018 04:36 PM

navratri ashtami

कल यानि 17 अक्टूबर नवरात्र की अष्टमी है। ज्योतिष के अनुसार अष्टमी के दिन अगर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र हो तो वो महाष्टमी कहलाती है, इस दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र भी है।

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कल यानि 17 अक्टूबर नवरात्र की अष्टमी है। ज्योतिष के अनुसार अष्टमी के दिन अगर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र हो तो वो महाष्टमी कहलाती है, इस दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र भी है। सूर्योदय से शाम 6 बजकर 34 मिनट तक अष्टमी तिथि के साथ पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र भी रहेगा। लिहाज़ा यह अष्टमी महाष्टमी है मानी जा रही है। कहा जाता है कि देवी दुर्गा के उपासकों को अष्टमी के दिन पूजा, नवमी के दिन बलि और होम और दशमी के दिन देवी का विसर्जन आदि करना चाहिए।
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अष्टमी की तिथि को कुमारियों और ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है। मान्यता है कि देवी को सबसे ज्यादा प्रसन्नता कुमारियों को सम्मान देने से होती है। स्कंदपुराण में कुमारियों का विभाजन किया गया है। इसके अलावा महागौरी के निम्न मंत्र का जाप करना बहुत अच्छा माना जाता है। आइए जानतें कौन सा है ये मंत्र-
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सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

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इस मंत्र के जाप से सभी कामनाएं पूरी होती है। इसके अलावा जिन लोगों का इस दिन जन्मदिन है या शादी की वर्षगांठ है, वो इस मंत्र ता उच्चारण करते समय फूल अर्पित करें। इससे साल भर जीवन में सुख और सौभाग्य बढ़ता रहेगा। अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है, दांपत्य सुख प्राप्त होता है। इस दिन कुछ भी दान करने से पूर्व उस सामग्री को सामने रखकर उस पर महागौरी मंत्र का 108 बार पाठ ज़रूर करें।
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