Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Oct, 2020 05:35 AM
आज 16 अक्तूबर शुक्रवार को अधिकमास का अंतिम दिन और अमावस्या तिथि है। पुरूषोत्तम मास समाप्त होगा और कल से आश्विन शुक्ल की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्र का आरंभ होगा। अधिकमास का
Adhik Maas Amavasya 2020: आज 16 अक्तूबर शुक्रवार को अधिकमास का अंतिम दिन और अमावस्या तिथि है। पुरूषोत्तम मास समाप्त होगा और कल से आश्विन शुक्ल की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्र का आरंभ होगा। अधिकमास का आरंभ 18 सितंबर से हुआ था। ये पावन माह 3 साल में एक बार आता है। जितना ये महीना खास था उतनी ही अधिक इसकी अमावस्या खास है। कुछ काम ऐसे हैं, जिन्हें आज के दिन नहीं करना चाहिए। यदि आपकी लाइफ में बुरा दौर चल रहा है तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें। जल्दी ही अच्छे दिनों का आरंभ होगा-
16 October Adhik Maas Amavasya: अमावस्या की रात ऊपरी शक्तियां जैसे भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, निशाचर जीव-जंतु और दैत्य बहुत बलवान हो जाते हैं। उनकी नकारात्मकता से खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए घर के बाहर मुख्यद्वार पर और आंगन में दीपदान करें। किसी भी सुनसान जगह श्मशान की तरफ न जाएं।
गृह क्लेश से बचकर रहें। परिवार में प्रेम और सौहार्द बनाकर रखें। जिस घर में लड़ाई-झगड़े या वाद-विवाद होता है, वहां पितरों की कृपा कभी नहीं बरसती।
Amavasya October 2020: अमावस्या के दिन और रात ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए। गरुड़ पुराण में कहा गया है, अमावस्या की रात रिलेशन बनाने से जो बच्चे पैदा होते हैं, वे जीवन में कभी भी सुखी नहीं रह पाते। उन्हें लाइफ में किसी न किसी वस्तु का अभाव सताता रहता है।
सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद कलयुग के एकमात्र प्रत्यक्ष देव, भगवान सूर्य नारायण को जल चढ़ाएं। इनमें से किसी भी मंत्र का जाप करें-
ऊं घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
Amavasya 2020: तामसिक चीजों का सेवन और किसी भी प्रकार का नशा करने से बचें।