खूब सोच-विचार कर करना चाहिए ये काम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 09:47 AM

never take physical relations with these women

वासना शारीरिक इच्छाओं के द्वारा मन में उत्पन्न होने वाली एक भावना है। जब ये सिर चढ़कर बोलती है तो कुछ भी नहीं देखती। लेकिन शास्त्रों में इस बारे में कहा गया है कि शारीरिक संबंध बनाने से पहले खूब सोच-विचार कर लेना चाहिए।

हिंदू शास्त्र की गणना विश्व के ऐसे ग्रंथों में की जाती है, जिस से मानव ने वैयक्तिक आचरण और समाज रचना के लिए प्रेरणा प्राप्त की है। इसमें प्रश्न केवल धार्मिक आस्था या विश्वास का नहीं बल्कि मानव जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति, किसी भी प्रकार आपसी सहयोग तथा सुरुचिपूर्ण ढंग से जीने की अभिव्यक्ति भी शामिल है।

शास्त्रों में कहा गया है कि शारीरिक संबंध बनाने से पहले खूब सोच-विचार कर लेना चाहिए। भारतीय शास्त्रों में इस बारे में उल्लेख किया गया है कि किस स्त्री के साथ पुरुष को भूलकर भी शारीरिक संबंध स्थापित नहीं करने चाहिए।

 

अविवाहित स्त्री
एक पुरुष को स्त्री से विवाह किए बिना उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। फिर बेशक ये आपसी सम्मझौते से हो या जबर्दस्ती, अविवाहित स्त्री के साथ संबंध बनाना महापाप है। यदि कोई पुरुष ऐसा करे तो उसे उसके साथ विवाह भी करना चाहिए।

 

विधवा स्त्री
एक पुरुष को गलती से भी एक विधवा स्त्री के करीब नहीं जाना चाहिए, अर्थात उसके साथ शारीरिक रूप से संपर्क ना साधें। यदि वह उससे विवाह कर ले, तो उसके बाद ही ऐसी स्त्री के साथ संबंध बनाए जा सकते हैं।

 

ब्रह्मचर्य का पालन कर रही स्त्री
कभी भूलकर भी ऐसी स्त्री जो कठोर तपस्या में लीन हो या पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन कर रही हो, उस उसके मार्ग से हटाना नहीं चाहिए। ऐसी स्त्री के साथ शारीरिक संबंध बनाने से ना केवल उसकी तपस्या भंग होती है, साथ ही पुरुष के सिर पर भी महापाप का भार आ जाता है।

 

दोस्त की पत्नी
अपने दोस्त की पत्नी पर बुरी नजर रखना या दोस्त की पीठ पीछे उसकी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करना, यह पाप किसी पाप से कम नहीं है। ऐसी स्त्री को सम्मान की नजरों से देखना चाहिए।

 

दुश्मन की पत्नी
शास्त्रों के अनुसार दुश्मन की पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना या उसके साथ किसी भी प्रकार का संपर्क तक साधना एक पाप है। ऐसी स्त्री को पूर्ण रूप से नजरअंदाज करना ही सही है। ऐसी स्त्री नुकसान का कारण भी बन सकती है।

 

शिष्य की पत्नी
ओहदे में खुद से नीचे की या खुद के शिष्य की पत्नी के साथ कभी शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। यह शास्त्रों में उल्लिखित महापापों में से एक महापाप माना जाता है।

 

खुद के परिवार की स्त्री
अपने ही परिवार की किसी स्त्री के साथ शारीरिक संबंध बनाना शास्त्रों की दृष्टि से बेहद गलत है। इन स्त्रियों के साथ खून का रिश्ता होता है, इसलिए इनके साथ इस तरह का संबंध बनाना महापाप कहलाता है।

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