Edited By Lata,Updated: 02 Jun, 2019 11:40 AM
आचार्य चाणक्य के बारे में आज के समय में कौन नहीं जानता है। वह एक महान व्यक्ति और एक अच्छे नीतिकार के रूप में जाने जाते हैं।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
आचार्य चाणक्य के बारे में आज के समय में कौन नहीं जानता है। वह एक महान व्यक्ति और एक अच्छे नीतिकार के रूप में जाने जाते हैं। कहते हैं कि उनकी नीतियों को अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में उतार ले तो उसका जीवन सुखपूर्वक व्यतीत होता है। वैसे तो उनकी हर एक नीति में अलग ही सीख होती है। उनका मानना है कि कभी भी किसी व्यक्ति को अपने शत्रु पर भरोसा नहीं करना चाहिए, वरना बाद में उसे पछताना पड़ सकता है। क्योंकि पहले तो हम उस पर विश्वास करके उसे मित्र बना लेते हैं, लेकिन वह बाद में अपने साथ किए हुए कर्मों का बदला जरूर लेता है। इसलिए किसी पर भी विश्वास करने से पहले सोच लेना चाहिए।
श्लोकः
हस्तगतमपि शत्रुं न विश्वसेत्।
अर्थ : हाथ में आए शत्रु पर कभी विश्वास न करें।
भावार्थ : जो राजा हाथ में आए शत्रु को मित्र बना लेता है या उसे क्षमा करके छोड़ देता है, उसे अंत में धोखा ही उठाना पड़ता है।