Edited By Jyoti,Updated: 08 Jun, 2022 04:22 PM
10 जून को इस वर्ष की निर्जला एकादशी पड़ रही है। यूं तो धार्मिक शास्त्रों तमाम एकादशी तिथियों का महत्व है लेकिन बात की जाए ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तो कहा जाता है ये एकादशी एकमात्र
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10 जून को इस वर्ष की निर्जला एकादशी पड़ रही है। यूं तो धार्मिक शास्त्रों तमाम एकादशी तिथियों का महत्व है लेकिन बात की जाए ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तो कहा जाता है ये एकादशी एकमात्र ऐसी है जिसका व्रत करने से एक की बार में 24 यां 26 एकादशी तिथियों का फल मिल जाता है। हालांकि धार्मिक शास्त्रों में निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशी व्रतों में से कठिन माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस व्रत का पूरा फल पाने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को इस दिन कुछ कामों को करने से बचना चाहिए। तो आइए जानते हैं क्या है वो काम जिन्हें करने वाला व्यक्ति अपने एकादशी व्रत का फल खो देता है।
निर्जला एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो व्रत से एक दिन पहले यानि दशमी तिथि से ही ब्रह्मचर्य का पालन करें। साथ ही पिछली रात से ही तामसिक व मांसाहारी भोजन से परहेज करें। और मदिरा, समेत अन्य। नशे से भी दूर रहें।
इस व्रत में भूलकर भी नमक नहीं खाना चाहिए। नमक का सेवन यदि बहुत अधिक आवश्यक है तो दिन में एक बार सेंधा नमक खा सकते हैं। अगर आप व्रत नहीं रख रहे हैं तब भी सात्विक भोजन का ही सेवन करें।
इस व्रत के दिन चावल, मसूर की दाल, मूली और बैंगन का सेवन भी नहीं करना चाहिए। यदि आप निर्जला एकादशी का व्रत नहीं रख रहे हैं तब भी आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप निर्जला एकादशी का व्रत नहीं रख रहे हैं तब भी आपको इन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार, निर्जला एकादशी व्रत पर चावल खाने से परहेज करना चाहिए। ऐसा बोला जाता है कि जो मनुष्य एकादशी के दिन चावल का सेवन करता है उसे अगले जन्म में कीड़े का जन्म लेकर पैदा होना पड़ता है।
इसके अलावा व्रती को इस दिन किसी की निंदा व किसी का बुरा नहीं सोचना चाहिए।
वर्ष में पड़ने वाले किसी भी एकादशी के व्रत का पालन करने वाले इंसान को दिन में सोना नहीं चाहिए।
अब जानिए इस दिन कौन से काम करने से होती है पुण्य की प्राप्ति-
खासतौर पर इस दिन दिन प्यासे को पानी जरूर पिलाना चाहिए। निर्जला एकादशी के दिन पानी पिलाना पुण्य माना जाता है। इस दिन राहत देने वाली चीजों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन पशु पक्षियों को भी पानी जरूर पिलाना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन ब्राह्मणों को जूते दान जरूर करना चाहिए। इस दिन ब्राह्मणों को जूते दान करना शुभ माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक इस दिन जूते दान करने वाला व्यक्ति सोने की विमान में बैठकर स्वर्ग में जाता है।
इसके अलावा इस दिन व्रत और पूजा पाठ करने से जीवन के तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं। ऐसा भी कहते हैं कि निर्जला एकादशी का व्रत करने वालों को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन उपवास करने से जीवन में संपन्नता आती है।