Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Mar, 2020 08:44 AM
नवग्रहों में बृहस्पति सबसे बड़ा ग्रह है। हिंदू शास्त्रों में उन्हें गुरु कहा जाता है। भगवान शिव ने उनकी तपस्या से खुश होकर उन्हें देव गुरु का स्थान दिया था। तभी तो गुरुवार को सबसे बड़ा दिन कहा जाता है।
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नवग्रहों में बृहस्पति सबसे बड़ा ग्रह है। हिंदू शास्त्रों में उन्हें गुरु कहा जाता है। भगवान शिव ने उनकी तपस्या से खुश होकर उन्हें देव गुरु का स्थान दिया था। तभी तो गुरुवार को सबसे बड़ा दिन कहा जाता है। पुराणों में बताया गया है, जब भी देवता किसी संकट में फंसते थे, उस समय वे देवगुरु की कृपा से संकटमुक्त होते थे। जब कुंडली में बृहस्पति अशुभ प्रभाव देते हैं तो मोटापा और पेट के रोग बढ़ने लगते हैं। बृहस्पतिवार के दिन गुरु यानि देवगुरु बृहस्पति के वैदिक मंत्र जाप से पेट संबंधित रोगों और मोटापे से उत्पन्न हुई परेशानियों से राहत पाई जा सकती है जैसे अपेंडिक्स, हार्निया, पीलिया, आंत्रशोथ, गैस की समस्या आदि।
वैदिक मंत्र– ऊँ बृहस्पतेति यदर्यो अर्हाद्युमद्विभार्ति क्रतुमज्जनेषु। यद्दीदयच्छवसे ऋतु प्रजात तदस्मासु द्रविणं देहि चितम्।
मंत्र जाप के बाद विशिष्ट ब्राह्मण से देवगुरु बृहस्पति के निमित्त हवन करवाएं। ऐसा करने से जल्दी ही पेट संबंधित रोगों से निजात मिलेगा।
गुरुवार को करें ये काम
गुरु बृहस्पति आध्यात्मिक ज्ञान के कारक हैं, ब्राह्मण देवता और गुरु का सम्मान करें।
भगवान विष्णु व उनके अवतारों की पूजा-पाठ हवनादि कर ब्राह्मणों को प्रसन्न कर अपने सौभाग्य में वृद्धि कर सकते हैं।
पीले रंग की दालें, हल्दी, सोना, आदि वस्तुओं का दान देना चाहिए।
मांस का सेवन नहीं करना चाहिए।
पीले रंग का शाकाहारी भोजन अवश्य करें।
पीले रंग के कपड़े पहनें और पीला चंदन का तिलक भी लगाएं।