विवाह में आ रही है रूकावटें तो ये व्रत है आपके लिए

Edited By Jyoti,Updated: 09 Jan, 2019 02:17 PM

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हिंदू धर्म में हर दिन को लेकर कोई न कोई मान्यता है। इसके साथ ही ज्योतिष में हर दिन के अनुसार पूजा-पाठ करने और व्रत करने के बारे में बताया गया है।

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हिंदू धर्म में हर दिन को लेकर कोई न कोई मान्यता है। इसके साथ ही ज्योतिष में हर दिन के अनुसार पूजा-पाठ करने और व्रत करने के बारे में बताया गया है। इसमें गुरूवार से संबंधित ऐसे बहुत उपाय व टोटके बताए गए हैं, जिन्हें अगर व्यक्ति पूरी निष्ठा से अपनाया जाया तो बहत सी परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है। पौराणिक ग्रंथों और ज्योतिष के अनुसार गुरूवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, इसीलिए इस दिन लोग श्रीहरि की पूजा के साथ-साथ कुछ ऐसे काम भी करते हैं, जिनसे उनके जीवन की समस्याएं कम हो सकें। इस दिन को बृहस्पति का दिन भी कहा जाता है, बता दें कि भगवान विष्णु को ही बृहस्पति कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन कुछ खास उपाय आदि करने से वैवाहिक जीवन के योग बनते हैं, साथ ही जिनके वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानियां होते हैं वो दूर होती हैं।
PunjabKesariआमतौर पर कहा जाता है कि जब कुंडली में गुरु की दशा कमज़ोर होते है तब विवाह होने में देरी होती है या वैवाहक जीवन में परेशानियां आने लगती हैं। ऐसे में इसमें आ रही दिक्कतों को मज़बूत करने के लिए गुरु ग्रह को मज़बूत करने के उपाय को अपनाने की सलाह दी जाती है।
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बता दें कि कुंडली के सप्तम भाव का वैवाहिक जीवन से गहरा संबंध होता है और इसका कारक गुरु ग्रह होता है। इसके साथ ही मंगल को भी विवाह का कारक ग्रह माना जाता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि कुंडली के सप्तम भाव में गुरु और मंगल की दशा खराब होने पर विवाह का योग नहीं बनता। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों के विवाह में दिक्कत आ रही हो उन्हें या विवाहित लोगों के जीवन में समस्याएं पैदा होनी शुरू हो गई हो तो ऐसे में उन्हें गुरुवार का व्रत और बृहस्पति जी की पूजा ज़रूर करनी चाहिए। इससे विवाह संबंधी लाभ मिलने की मान्यता है।

पूजा विधि:
सबसे पहले इस दिन यानि गुरूवार को सबह उठकर स्नान करने के बाद पूजा-पाठ का संकल्प लें और पीले वस्त्र पहने।

इसके बाद बृहस्पति देवता की मूर्ति के सामने दही, दूध, शहद, घी, शक्कर, पीले फूल रखें।
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ध्यान रहे कि पूजा करते समय दाएं हाथ में थोड़ी सी चने की दाल ज़रूर रखें। पूजा समाप्त होने पर उस दाल को केले के पेड़ में डाल दें।

बृहस्पति देवतो को भोग लगाते समय ॐ बृं बृहस्पते नम: मंत्र का जाप करें। फिर इनकी आरती करें।

इसके बाद प्रसाद में पीले रंग की दाल या चने की दाल और गुड़ मिलाकर बांट दें।

अगर हो सके तो पूजा समाप्त कर गरीबों में प्रसाद के साथ-साथ पीले फल का दान ज़रूर करें, ऐसा करने से विवाह होने में आ रही परेशानियों दूर होती हैं।
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