Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Dec, 2022 10:54 AM
हमारे बुजुर्गों को अभाव और दुर्व्यवहार का सामना क्यों करना पड़ रहा है ? पहले अधिकांश संयुक्त परिवारों में दादा-दादी की देखभाल उनके बच्चों द्वारा की जाती थी और पोते-पोतियों द्वारा उन्हें प्यार तथा सम्मान दिया जाता था।
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Old age homes: हमारे बुजुर्गों को अभाव और दुर्व्यवहार का सामना क्यों करना पड़ रहा है ? पहले अधिकांश संयुक्त परिवारों में दादा-दादी की देखभाल उनके बच्चों द्वारा की जाती थी और पोते-पोतियों द्वारा उन्हें प्यार तथा सम्मान दिया जाता था। हालांकि, समाज में अशांत परिवर्तनों के साथ, बड़ों के प्रति सम्मान कम होता जा रहा है। औद्योगीकरण, शहरीकरण और वैश्वीकरण ने पारम्परिक मूल्यों और मानदंडों पर अपनी छाया डाली है।
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एकल परिवार, बढ़ती जीवन प्रत्याशा, पीढ़ी अंतराल, मूल्य प्रणाली में परिवर्तन, पश्चिमी जीवन शैली को अपनाना, बेहतर अवसरों के लिए प्रवास जैसे कारणों के साथ ही हमारे बुजुर्ग वित्तीय, चिकित्सा या भावनात्मक समर्थन के बिना, अपमानजनक भेदभाव, दुर्व्यवहार और अलगाव का जीवन जीने के लिए मजबूर हैं।
यह सभी सामाजिक वर्गों और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आम है। स्टेट आफ एल्डरली इन इंडिया रिपोर्ट (हैल्प इज इंडिया) के अनुसार, परिवार के भीतर हर पल 10 में से 4 बुजुर्गों के साथ मौखिक दुर्व्यवहार और एक-तिहाई के साथ अनादर होता है। कई लोगों को घरेलू नौकरों से भी बदतर, दिन भर काम करने के लिए मजबूर किया जाता है और बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं की जातीं।
बुजुर्गों की कुल आबादी में से 70 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे हैं। उन्हें सरकार से मिलने वाली पैंशन बेहद अपर्याप्त है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बी.टी.) की शुरूआत के साथ, स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन परिवार क्यों विफल हों ? बुजुर्गों को अभाव, बेदखली, अकेलापन और दुर्व्यवहार का सामना क्यों करना चाहिए ? हमें वृद्धाश्रम क्यों स्थापित करने चाहिएं ?
जिस तरह से हम बुजुर्गों के साथ व्यवहार करते थे उस पर हमारी सभ्यता को हमेशा गर्व रहा है। हालांकि, आज बुजुर्गों की हालत बढ़ती सामाजिक गिरावट को प्रकट करती है क्योंकि हम अपनी परम्पराओं की तुलना में भौतिक सुख की ओर अधिक बढ़ चुके हैं। यह अस्वीकार्य प्रवृत्ति है।