Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jul, 2017 09:21 AM
श्रावण मास भगवान शिव व मां छिन्नमस्तिका की पूजा-आराधना के लिए विशेष महत्व रखता है। अलग-अलग धारणाओं व आस्था के
श्रावण मास भगवान शिव व मां छिन्नमस्तिका की पूजा-आराधना के लिए विशेष महत्व रखता है। अलग-अलग धारणाओं व आस्था के अनुरूप कई लोग पूर्णमासी से उक्त मास के व्रत पूजन शुरू कर देते हैं और पूर्णमासी तक विश्राम देकर उक्त व्रतों का उद्यापन करके उन्हें विश्राम देते हैं लेकिन कई लोग उक्त धार्मिक अनुष्ठान संक्रांति से शुरू करते हैं जोकि आज से शुरू हुआ। आज जगह-जगह पर लोगों ने शिव पूजन व अन्य धार्मिक कार्यक्रम शुरू किए।
लोगों की आस्था है कि श्रावण मास में भगवान शिव का पूजन बिल्व पत्र, आक, भांग-धतूरा आदि से करना विशेष फलदायी होता है। इस महीने में भगवान शिव का व्रत सोमवार व मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखना सौभाग्य व संतान के लिए सुखकारी व आयु वृद्धि कारक होता है।