Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Jun, 2019 11:10 AM
आज शनिवार, 22 जून को प्रात: 7:40 से लेकर 27 जून, बृहस्पतिवार 07.43 मिनट तक पंचक काल रहेगा। ये काल शनिवार के दिन से आरंभ हो रहा है इसलिए ''मृत्यु पंचक'' कहलाएगा। ये पंचक मृत्यु के
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
आज शनिवार, 22 जून को प्रात: 7:40 से लेकर 27 जून, बृहस्पतिवार 07.43 मिनट तक पंचक काल रहेगा। ये काल शनिवार के दिन से आरंभ हो रहा है इसलिए 'मृत्यु पंचक' कहलाएगा। ये पंचक मृत्यु के समान दुख देने वाला होता है। 5 दिनों तक जोखिम भरे कामों से दूर रहें। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार जब ग्रह-नक्षत्र अशुभ स्थिति में चल रहे हों तो मंगलमय कार्य नहीं करने चाहिए। पंचक के दौरान किसी भी कार्य को बहुत सतर्कता से करना चाहिए क्योंकि वाद-विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का भय रहता है ।
शास्त्रों के अनुसार जब चंद्रमा कुंभ व मीन राशि में भ्रमण करने के बाद अंत के पांच नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद व रेवती में आता है तो उस समय को पंचक कहा जाता है। पंचक का केवल नेगेटिव असर नहीं होता बल्कि उसके सकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। शुभ काम जैसे देवी-देवताओं की पूजा में पंचक का विचार नहीं किया जाता। अत: पंचक में पूजा-पाठ अनुष्ठान या धार्मिक क्रिया-कलाप किए जा सकते हैं।
कुछ काम ऐसे हैं जो पंचक में नहीं किए जाते-
शव का अंतिम संस्कार करने से कुटुंब या पड़ोस में पांच लोगों की मृत्यु हो सकती है।
दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये मृत्यु के देवता यम की दिशा मानी गई है।
धनिष्ठा नक्षत्र में आग लगने का डर रहता है इसलिए घास, लकड़ी और ईंधन इकट्ठा नहीं करना चाहिए।
मृदु संज्ञक रेवती नक्षत्र में यदि घर की छत बनाई जाए तो धन की हानि तो होती ही है साथ में घर-परिवार में लड़ाई-झगड़े भी होते रहते हैं।
चारपाई भी नहीं बनवानी चाहिए।