Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 May, 2019 02:57 PM
जब कुछ विशेष ग्रह-नक्षत्र मिलते हैं तो पंचक का योग बनता है। जो पांच दिन तक रहता है। जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में वास करते हैं तो उस दौरान पंचक लग जाता है। घनिष्ठा से लेकर रेवती तक जो
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जब कुछ विशेष ग्रह-नक्षत्र मिलते हैं तो पंचक का योग बनता है। जो पांच दिन तक रहता है। जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में वास करते हैं तो उस दौरान पंचक लग जाता है। घनिष्ठा से लेकर रेवती तक जो पांच नक्षत्र होते हैं, वे भी पंचक कहलाते हैं। इसमें घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती नक्षत्र आते हैं। कल यानी 25 मई, शनिवार से पंचक का आरंभ हो रहा है, जो 30 मई, गुरुवार तक जारी रहेगा। शनिवार के दिन जब पंचक आता है तो उसे मृत्यु पंचक कहा जाता है। विद्वान कहते हैं ये हानिकारक नक्षत्रों का योग होता है।
शास्त्रों में पंचक के दौरान कुछ विशेष कार्यों को न करने की सलाह दी गयी है। पंचक हमारे जीवन पर शुभाशुभ प्रभाव डालते हैं तथा पंचक में क्या काम फलदायी कहे गए हैं और क्या कार्य वर्जित कहे गए हैं। पंचक में कुछ कार्य विशेष विशेष फलदायी होते हैं। धनिष्ठा नक्षत्र में पर्यटन, मनोरंजन के कार्य शुभ होते हैं। शतभिषा नक्षत्र में मार्केटिंग व वस्त्रभूषण खरीदना शुभ होता है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में वाद-विवाद व मुकदमे जैसे कामों को करना अच्छा रहता है। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में शिलान्यास, योगाभ्यास व दीर्घकालीन योजनाओं को प्रारंभ श्रेष्ट रहता है। रेवती नक्षत्र में संगीत, अभिनय व फैशन शो आयोजित किये जा सकते हैं।
शुभ लाभ के लिए इस दौरान फूंक-फूंक कर कदम रखने होंगे-
लकड़ी का सामान खरीदना जरुरी हो तो गायत्री यज्ञ करें।
दक्षिण दिशा में यात्रा करने से पहले हनुमान मंदिर में पांच फल अर्पित करें।
मकान की छत बनवानी हो तो मजदूरों को मिठाई खिलाने के बाद छत डलवाएं।
पलंग या चारपाई बनवानी है तो पंचक खत्म होने के बाद ही बनवाएं।
सबसे महत्वपूर्ण बात शव का क्रियाकर्म करने से पहले शव दाह करते वक्त कुशा के पांच पुतले बनाकर चिता के साथ जलाएं।