Edited By Jyoti,Updated: 23 Jul, 2021 03:48 PM
इस वर्ष यानी 2021 में सावन का महीना 25 जुलाई दिन रविवार से प्रारंभ होने वाला है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह पूरा मास भगवान शंकर की उपासना का माना जाता है।
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इस वर्ष यानी 2021 में सावन का महीना 25 जुलाई दिन रविवार से प्रारंभ होने वाला है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह पूरा मास भगवान शंकर की उपासना का माना जाता है। परंतु इस बार सावन का मांस पंचक के साथ शुरू होगा। जी हां, इस बार पंचक 25 जुलाई से शुरू होकर 30 जुलाई को समाप्त होगा। बता दें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रविवार से प्रारंभ होने वाले पंचक को रोग पंचक कहा जाता है। तो चलिए जानते हैं कि क्या है पंचक व कैसा होता है रोग पंचक का असर-
ज्योतिष विशेषज्ञ कहते हैं चंद्र ग्रह का धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद रेवती नक्षत्र के चारों चरण में भ्रमण काल पंचक कहलाता है। ठीक इसी तरह का चंद्र ग्रह का कुंभ और मीन राशि में भ्रमण विभिन्न पंचकें को जन्म देता है।
मानता है कि जिस पंचक का प्रारंभ रविवार से होता है उसमें 5 दिनों तक शारीरिक व मानसिक यातनाएं जातक को झेलनी पड़ती हैं। विशेष तौर पर व्यक्ति को इस दौरान स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां होती हैं।
पंचक के दौरान लकड़ी एकत्रित करना या खरीदना, मकान पर छत डलवाना, शव जलाना, पलंग या चारपाई बनवाना या दक्षिण और की यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता है।
परंतु अगर किसी कारण वश ये सभी कार्य करने पड़े तो उससे पहले व्यक्ति को निम्न बताए गए कार्य करने चाहिए।
लकड़ी खरीदना जरूरी हो तो पंचर काल समाप्त होने पर गायत्री माता के नाम का हवन करवाने के बाद ही लकड़ी खरीदें।
यदि मकान पर छत डलवाना जरूरी हो तो उससे पहले मजदूरों को मिठाई खिलाएं।
पंचक काल में अगर किसी की मृत्यु हो जाए और शवदाह करना पड़े तो इस दौरान पांच अलग प्रकार के पुतले बनाकर उन्हें भी सबके साथ जला दें।
अगर इस दौरान पलंग या चारपाई आवश्यक बनवाना हो तो पंचक काल काल की समाप्ति के पश्चात ये कार्य करें।
दक्षिण दिशा की यात्रा करना अनिवार्य हो ते इससे पहले हनुमान मंदिर में जाकर पर चढ़ाएं और उसके बाद यात्रा करें।