Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 May, 2018 03:46 PM
रविवार, 13 मई को भगवान शिव के दो प्रिय दिन प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि व्रत एक साथ आ रहे हैं। प्रदोष व्रत कलियुग में अति मंगलकारी और शिव कृपा प्रदान करने वाला है। स्त्री अथवा पुरूष जो भी अपना कल्याण चाहते हों यह व्रत रख सकते हैं।
रविवार, 13 मई को भगवान शिव के दो प्रिय दिन प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि व्रत एक साथ आ रहे हैं। प्रदोष व्रत कलियुग में अति मंगलकारी और शिव कृपा प्रदान करने वाला है। स्त्री अथवा पुरूष जो भी अपना कल्याण चाहते हों यह व्रत रख सकते हैं। प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार का दोष मिट जाता है। शिवपुराण में कहा गया है, मासिक शिवरात्रि व्रत कल्पतरु के समान है, जिस भी इच्छा से इस व्रत को किया जाता है, वह अवश्य पूरी होती है। कुंवारों को मनचाहा साथी मिलता है और लव मैरिज की अभिलाषा भी पूरी होती है। इस बार तो दो शुभ दिनों का संगम एकसाथ पड़ रहा है, आप अपने गाड़ी-बंगले का सपना भी पूरा कर सकते हैं।
सुबह भगवान शिव की बेल पत्र, गंगाजल, अक्षत, धूप, दीप सहित पूजा करें। संध्या काल में पुन: स्नान करके इसी प्रकार से शिव जी की पूजा करनी चाहिए।
कर्जा उतारने के लिए शिव मंदिर जाकर दिया जलाएं और रूद्राक्ष की माला से ये मंत्र बोलें – ॐ नम: शिवाय, ॐ हराय नम: , ॐ त्रिनेत्राय नम:
गाड़ी का सपना साकार करने के लिए नर्मदेश्वर शिवलिंग पर चांदी के चार टुकड़े चढाएं।
बंगले का ख्वाब साकार करने के लिए रातरानी के फूल शिवलिंग पर चढ़ाएं।