खराब है घर का ये हिस्सा तो आज ही करें इसमें बदलाव वरना होगा नुकसान

Edited By Jyoti,Updated: 25 Feb, 2021 04:10 PM

perfect vastu for home in hindi

वास्तु में खासतौर पर दिशाओं के बारे में बताया गया है। कहा जाता है कि अगर व्यक्ति अपने जीवन में वास्तु शास्त्र में बताई दिशाओं से जुड़ी बातों का मानता है

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वास्तु में खासतौर पर दिशाओं के बारे में बताया गया है। कहा जाता है कि अगर व्यक्ति अपने जीवन में वास्तु शास्त्र में बताई दिशाओं से जुड़ी बातों का मानता है तो सफलता के साथ-साथ उसके जीवन में खुशियों का आगमन होता है। विशेषकर कहा जाता है कि व्यक्ति को नई घर व दुकान बनवाते इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि क्या उसकी दिशा व दशा वास्तु के अनुसार सही है यहीं।

वास्तु शास्त्री बताते हैं कि वास्तु में कुल 10 दिशाओं के बारे में बताया गया है, लेकिन इसके अलावा 11 वीं दिशा होती है जो मध्य में मानी जाती है। इसे आकाश की दिशा कहा जाता है। वास्तु के अनुसार घर की समस्त दिशाओं में सबसे आखिरी और बेहद महत्वपूर्ण दिशा घर की मध्य दिशा होती है। चूंकि ये दिशा घर के बिल्कुल बीचो-बीच होती है इसलिए माना जाता है कि किसी भी अन्य दिशा का नकारात्मक प्रभाव इस दिशा पर होना बहुत ही आम होता है। ऐसे में क्या क्या नुकसान हो सकते हैं तथा वास्तु दोष रहित होने से क्या लाभ होते हैं आइए जानते हैं-

अक्सर देखा जाता है कि कई घरों बीचो-बीच एक गड्ढा होता है। तो वहीं इसके अलावा कई घरों के मध्य भाग में कोई खंभा गड़ा होता है, कई में टॉयलेट या वॉशरूम बना होता है तो कई घरों में किसी प्रकार का भारी सामान रखा होता है। ज्यादातर लोग अगर 15 बाई 50 या 20 बाई 60 के मकान में बीचोबीच लेट-बाथ बना लेते हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार इस स्थान पर भारी सामान रखना या भारी निर्माण कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता।  अगर घर का मध्य भाग खराब होता है तो ब्रह्मा का स्थान कहलाने वाले ये स्थान केतु ग्रह का स्थान बन जाता है। जिस कारण जातक के जीवन में तथा घर में हर समय कुछ न कुछ घटनाएं होने लगती हैं।

यहां रहने वाले लोगों को बीमारियों जकड़ लेती हैं, तथा मानसिक रूप से सब को अशांति अनुभव होने लगती है। साथ ही साथ घर-परिवार में सहजता और सृजनात्मक गतिविधियों का धीरे-धीरे नाश होने लगता है। घर में ऐसा केतु से संबंधित दोष होने पर परिवार के सदस्यों के बीच दूरियां बढ़ जाती हैं और संबंधों में गरमाहट कम हो जाती है।

इसके विपरीत मध्यभाग का ईशान की तरह खाली और साफ स्वच्छ होने से परेशानियों से घिरे रहने वाला व्यक्ति अपने परेशानियां से मुक्त हो जाता है। परिवार के सदस्यों के बीच संबंध मधुर हो जाते हैं, घर में धन, समृद्धि अर शांति की बनी रहती है।

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