Edited By Jyoti,Updated: 04 Oct, 2020 06:32 PM
आलोच्य सप्ताह (7 से 13 अक्तूबर तक) के दौरान कोई भी सितारा न तो अपनी राशि बदलता है और न ही पोजीशन-इस तरह ग्रह योग किसी बदलाव के बगैर ज्यों का त्यों ही बना रहता है।
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आलोच्य सप्ताह (7 से 13 अक्तूबर तक) के दौरान कोई भी सितारा न तो अपनी राशि बदलता है और न ही पोजीशन-इस तरह ग्रह योग किसी बदलाव के बगैर ज्यों का त्यों ही बना रहता है। अलबत्ता शुक्र-सूर्य नक्षत्र पर अपनी स्थिति जरूर बदलते हैं। इस तरह ग्रह योग की अपरिवर्तित स्थिति का जायजा लेने से मालूम देता है कि मार्कीट में बेशक उठा पटक तो होती रह सकती है किन्तु किसी रुख परिवर्तन की कोई आशा नहीं दिखती।
व्यापारियों को मार्कीट की इस खामोशी को कम आंकने की गलती न करनी चाहिए क्योंकि यह भविष्य में होने वाली जबरदस्त उठा पटक का संकेत देती है, इसलिए उन्हें गलत सौदों के लपेटे में फंसने से बचना चाहिए। इस कालम के साथ ‘इन टच’ रहने वालों को मार्कीट के बारे जानकारी मिलती रहा करेगी-आलोच्य सप्ताह में यूं तो मंदा रुख बना रहने की आशा है, फिर भी इस मंदा रुख की निर्भरता 5 अक्तूबर को मंदा रुख बने रहने पर ही होगी। वैसे 9 तथा 12 अक्तूबर को घटा-बढ़ी होने की आशा।
तेल सोया, तेल मूंगफली, सरसों, अलसी, तोरिया, तिल, तेल, बिनौला, अरंडी, खल, सींगदाना, मेंथा, पिपरामैंट, अन्य तेल पदार्थों, वनस्पति इत्यादि में नर्मी की पैठ बनी रहने की आशा-बीच में 9 अक्तूब को नर्मी तथा 12 अक्तूबर को मजबूती का रिएक्शन आएगा। काटन, पटसन, रूई, कपास, सन्न, सूत, सिल्क, स्टैपल, ऊनी, सूती, रेशमी कपड़े तथा यारन इत्यादि में 5 अक्तूबर के रुख को देख कर आगे काम करें-बीच में 9 तथा 12 अक्तूबर खास दिन। शेयर मार्कीट में आम तौर पर कमजोरी रुख रहने की आशा-वैसे 9 अक्तूबर को रेट नर्म तथा 12 अक्तूबर को तेज रहने की आशा।
सोना, चांदी, हीरे, जवाहरात, बहुमूल्य पत्थरों तथा बहुमूल्य धातुओं में 5 अक्तूबर को यदि मंदा रहता है तो फिर आगे मंदा चलता जाएगा किन्तु यदि उस दिन तेजी बन गई होगी तो फिर तेजी का काम करना सही रहेगा-वैसे 9 तारीख को नर्मी तथा 12 को मजबूती का रिएक्शन आएगा। गुड़, खांड, शक्कर तथा अन्य मीठी रसदार वस्तुओं इत्यादि में शुरू सप्ताह से जो रुख बन गया, ख्याल है कि आगे मोटे तौर पर वही रुख बना रहेगा-बीच में 9 तथा 12 अक्तूबर घटा-बढ़ी वाले दिन।
गेहूं, गवारा, मटर, मक्की, चने, जौ, बाजरा, अरहर, मूंग, माष तथा अन्य अनाज पदार्थों तथा दालों इत्यादि में उठापटक के बीच मंदी व तेजी दोनों तरह के रिएक्शन आते रहेंगे। हाजिर मार्कीट में माल होने के बावजूद न ग्राहकी नजर आएगी और न ही मांग निकलेगी, अलबत्ता बिकवाली का असर जरूर महसूस होगा।