Edited By Jyoti,Updated: 20 May, 2018 03:56 PM
आचार्य चाणक्य जीवन दर्शन के ज्ञाता थे। उन्होंने अपने जीवन से प्राप्त अनुभवों से नियमों का निर्माण कर उन्हीं का लोगों को उपदेश दिया। आचार्य ने बहुत सारी ऐसी नीतियों का निर्माण किया
ये नहीं देखा तो क्या देखा
आचार्य चाणक्य जीवन दर्शन के ज्ञाता थे। उन्होंने अपने जीवन से प्राप्त अनुभवों से नियमों का निर्माण कर उन्हीं का लोगों को उपदेश दिया। आचार्य ने बहुत सारी ऐसी नीतियों का निर्माण किया, जिन पर अमल करने से जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है। आदमी को राजा, स्त्रियों अौर आग से दूरी नहीं बनानी चाहिए अौर उनके अधिक करीब भी नहीं जाना चाहिए। राजनीति के संदर्भ में चाणक्य नीति सूत्र में कहा गया है-
आपका राशिफल
श्लोक- य: संसदि परदोषं शंसति स स्वदोषबहुत्वं प्रख्यापयति।
क्या आपके बच्चे नहीं सुनते आपकी बात!
ऐसे होंठ वाले होतें हैं CHARACTERLESS
अर्थात- राजसभा में राज्य के कल्याण के लिए ही नियम आदि बनाए जाते हैं, लेकिन जो इस प्रकार की सभा में किसी राज सभासद के व्यक्तिगत दोषों की ओर संकेत करता है, वह स्वयं अपने ही दोषों का प्रकाशन करता है।
वर्तमान समय में, संसद (लोकसभा) में सांसदों द्वारा उठाए गए व्यक्तिगत आक्षेपों को दोषयुक्त ही कहा जाएगा। इससे सांसद की निकृष्टता प्रकट होती है। वह सभा का समय ही नष्ट करता है।