Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Apr, 2022 09:07 AM
दिल्ली के विश्व प्रसिद्ध स्वामी नारायण अक्षरधाम मंदिर के सर्जक प्रमुख स्वामीजी महाराज का शताब्दी महोत्सव अक्षरधाम परिसर
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Pramukh Swami Maharajs 100th Janma Jayanti Celebration: दिल्ली के विश्व प्रसिद्ध स्वामी नारायण अक्षरधाम मंदिर के सर्जक प्रमुख स्वामीजी महाराज का शताब्दी महोत्सव अक्षरधाम परिसर में आयोजित किया गया जहां 8000 से भी अधिक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। मंदिर यमुना नदी के तट पर बना एक आध्यात्मिक महालय है जो भारतीय कला, प्रज्ञा, चिंतन और मूल्यों का अद्वितीय परिसर है। ‘दूसरों के भले में ही हमारा भला है’, ऐसे हृदयस्पर्शी संदेश की लौ फैलाने वाले संत की स्मृति में ‘प्रमुखस्वामी महाराज का अद्वितीय सर्जन तथा उससे मानव जीवन परिवर्तन की गाथा’
नामक कार्यक्रम का शुभारम्भ भारतीय संस्कृति के अनुसार दीप-प्रज्वलन से हुआ। संस्था के वरिष्ठ सद्गुरु संत पू. ईश्वरचरण स्वामी जी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मंच पर विराजमान संतों में से एक पू. धर्मवत्सल स्वामीजी ने अवगत करवाया कि अक्षरधाम के भव्य निर्माण का आधार केवल परम पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज की अद्वितीय गुरुभक्ति थी। समारोह को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली अक्षरधाम के प्रभारी संत पू. मुनिवत्सल स्वामीजी ने प्रमुख स्वामीजी के जीवन चरित्र और कार्यों पर एक सुंदर प्रस्तुतीकरण द्वारा प्रकाश डाला।
आत्मस्वरूप स्वामीजी ने ‘अक्षरधाम का प्रदान’ विषय पर प्रमुख स्वामीजी महाराज के अभूतपूर्व योगदान का उल्लेख किया।
उनके शब्दों में यह केवल एक स्मारक अथवा इमारत नहीं है अपितु यह स्थल जीवन परिवर्तन का केंद्र बिंदू है। अपने प्यारे ‘बापा’ से सीखे जीवन-मूल्यों का रंगारंग प्रदर्शन बच्चों ने नाटक और नृत्य के माध्यम से किया।
प्रमुख स्वामी महाराज ने अक्षरधाम के उद्घाटन प्रसंग पर जो आशीर्वाद दिए थे उसकी स्मृति शब्द थे, ‘‘हमने यह अक्षरधाम किसी को दिखाने के लिए नहीं, स्पर्धा के लिए नहीं, अपनी बड़ाई दिखाने के लिए नहीं किंतु गुरु योगी जी महाराज के संकल्प को पूर्ण करने के लिए और भगवान स्वामीनारायण को अंजलि देने के लिए बनाया है और यह सबके कल्याण के लिए है।’’
अंत में आगामी दिसम्बर मास में अहमदाबाद में आयोजित प्रमुखस्वामी महाराज के शताब्दी महोत्सव का आमंत्रण सभी को
दिया गया।