Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 02:34 PM
राजनीति में प्रवेश एवं सफलता के लिए ज्योतिषीय योग होते हैं। अन्य व्यवसायों की तरह ही राजनीति में भी सफलता या विफलता के लिए
राजनीति में प्रवेश एवं सफलता के लिए ज्योतिषीय योग होते हैं। अन्य व्यवसायों की तरह ही राजनीति में भी सफलता या विफलता के लिए ग्रह बहुत हद तक असर डालते हैं। राजनीति में सफल लोगों की हस्तरेखा और कुंडली में कुछ खास तरह के निम्न योग होते हैं :
जिन व्यक्तियों के हाथ की उंगलियां चौड़े सिरों वाली यानी सिरे पर से पहले एवं दूसरे जोड़ की अपेक्षा अधिक चौड़ी होती हैं, ऐसे व्यक्ति में कर्म करने की तीव्र इच्छा रहती है। ये व्यक्ति खाली नहीं बैठ सकते लेकिन अस्थिर प्रवृत्ति के होते हैं। ऐसे व्यक्ति जन्मजात नेता और यात्रा प्रेमी तथा जीवन में बदलाव के पक्षपाती भी होते हैं। ऐसे व्यक्ति आविष्कारक एवं यांत्रिक दक्षता वाली प्रवृत्ति के होते हैं। विस्तार, शोध एवं अनुसंधान से इन्हें विशेष प्रेम होता है।
जिन व्यक्तियों के हाथ की उंगलियों के सिरे मिश्रित हों अर्थात एक उंगली का सिरा नोकदार, दूसरी उंगली का सिरा वर्गाकार, तीसरी का सिरा चौड़ा हो, ऐसा व्यक्ति बहुमुखी प्रतिभा का स्वामी और व्यक्ति ग्रहणशील होता है तथा किसी भी कार्य को अनायास ही करने में सक्षम होता है। ऐसा व्यक्ति सब कार्यों में दखल तो रखता है किन्तु पूर्ण दक्ष किसी कार्य में भी नहीं होता। ऐसा व्यक्ति सर्वगुण सम्पन्न तो होता है किन्तु उसमें विशेषज्ञता की कमी होती है। हर प्रकार के व्यक्ति से वह सही व्यवहार कर सकता है।
सफल राजनेताओं की कुंडली में राहू का संबंध छठे, सातवें, दसवें एवं ग्यारहवें घर से देखा गया है। कुंडली के दसवें घर को राजनीति का घर कहते हैं। सत्ता में भाग लेने के लिए दशमेश या दशम भाव में उच्च का ग्रह बैठा होना चाहिए। साथ ही गुरु नवम में शुभ प्रभाव में स्थिति होने चाहिएं। दशम घर या दशमेश का संबंध सप्तम घर से होने पर व्यक्ति राजनीति में सफलता प्राप्त करता है। छठे घर को सेवा का घर कहते हैं। व्यक्ति में सेवाभाव होने के लिए इस घर से दशम-दशमेश का संबंध होना चाहिए।