Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Oct, 2021 09:31 AM
प्रत्येक नौकरीपेशा की यह इच्छा होती है कि पदोन्नति पाए और जीवन स्तर एवं मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि हो। ज्योतिष में पदोन्नति को एक शुभ घटना के रूप में देखा जाता है इसलिए कुंडली में शुभ एवं
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Promotion in job and astrology: प्रत्येक नौकरीपेशा की यह इच्छा होती है कि पदोन्नति पाए और जीवन स्तर एवं मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि हो। ज्योतिष में पदोन्नति को एक शुभ घटना के रूप में देखा जाता है इसलिए कुंडली में शुभ एवं बली ग्रह यदि दशम भाव, दशमेश अथवा सूर्य से संबंधित हो तो जातक के लिए अपनी दशा-अंतर्दशा में उन्नतिकारक सिद्ध होते हैं। उन्नति के अन्य योग क्या हैं, निम्र बिंदुओं से जानें :
दशमेश स्वगृही, उच्च आदि बली स्थिति में केंद्र या त्रिकोण भाव में स्थित हो तो अपनी दशा-अंतर्दशा में पदोन्नति करता है।
दशमेश कुंडली में अन्य योगकारक ग्रह के साथ अनुकूल स्थिति में निर्दोष रूप से स्थित हो तो अपनी दशा अंतर्दशा में उन्नति का कारक बनता है।
लग्नेश कुंडली में दशम भाव अथवा दशमेश के साथ स्वगृही हो, उच्च राशि में स्थित होकर बली हो तो अपनी दशा-अंतर्दशा में पदोन्नति दिलाता है।
स्वराशि, उच्च राशि में स्थित सूर्य अपनी दशा-अंतर्दशा में उन्नति दिलाता है। भाग्येश की दशा-अंर्तदशा में पदोन्नति संभव है, यदि भाग्येश, दशमेश के साथ अपनी मित्र स्व उच्च राशि में हो।
कुंडली में दशम भाव अथवा दशमेश से लग्नेश युति करता हो अथवा त्रिकोण में स्थित हो तो गोचर में लग्नेश के दशम भाव अथवा दशमेश से त्रिकोण में जाने पर अनुकूल दशा अंतर्दशा में पदोन्नति होती है।
गुरु दशम भाव अथवा दशमेश से युति या त्रिकोण संबंध स्थापित करता हो तथा बली हो तो गोचर में त्रिकोण स्थिति बनने पर पदोन्नति संभव है।