Edited By Jyoti,Updated: 23 Oct, 2019 11:08 AM
दिवाली का त्यौहार खुशियों का प्रतीक माना जाता है। इस मौके पर हर कोई अपने घर की साफ़-सफ़ाई करता है, सुंदर-सुंदर रंग-रोगन करवाता है
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दिवाली का त्यौहार खुशियों का प्रतीक माना जाता है। इस मौके पर हर कोई अपने घर की साफ़-सफ़ाई करता है, सुंदर-सुंदर रंग-रोगन करवाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि दिवाली की रात को मां लक्ष्मी हर घर में अपना चर्ण अवश्य डालती हैं। जिस कारण हर कोई अपने घर को साफ़-सुथरा रखना चाहते हैं। इतना ही नहीं बल्कि दिवाली के अवसर पर लोग अपने घरों को अद्भुत लाइट्स आदि से सजाते हैं। ताकि उनके घर पर हमेशा मां लक्ष्मी की कृपादृष्टि बनी रहे।
परंतु इन सब के एक ओर हटकर सोचना चाहिए कि क्या देवी लक्ष्मी केवल बाहरी सुंदरता से प्रसन्न हो जाती हैं। हम जानते हैं ये सनुकर निश्चित ही आपके मन में ये प्रश्न उठा होगा कि भला फिर कैसे मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाए तो आपको बता दें अपने घर आदि को संवारने की बजाए अपने मन को पावन करना सबसे आवश्यक होता है। जी हां, दिवाली के शुभ अवसर पर हर किसी को अपने आंगन में दीपक के प्रजल्लवन के साथ-साथ अपने मन में भी सकारात्मक विचारों का दीप जलाना चाहिए।
जिस प्रकार से वर्ष बाद आने वाली दिवाली से पहले हम पूरी शिद्दत के साथ घर-दुकान आदि की साफ़-सफाई में लग जाते हैं ठीक उसी प्रकार हमें अपने मन और विचारों की भी शुद्धि करनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है हिंदू धर्म के समस्त त्यौहारों में से दिवाली ही एक मात्र ऐसा त्योहार है जिसमें हमारे आस-पास का वातावरण स्वच्छ रहता है और इसी स्वच्छ वातावरण का हमारे ऊपर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।
तो आप भी इस दिवाली अपने मन में नकारात्मक विचारों को हटाकर सकारात्मक विचारों को लाएं आप खुद महसूस करेंगे कि कैसे इस बदलाव से आपकी दिवाली का आनंद कई गुना बढ़ जाएगा। क्योंकि ये तो आप लोगों ने भी सुना होगा कि आंतरिक स्वच्छता बाहरी स्वच्छता से कई गुना महत्त्वपूर्ण होती हैं। तो ऐसे में हर किसी को चाहिए कि अपने मन में उठती बेवजह की लहरों से खुद को निकालकर आगे सफलता के रास्ते पर चले। तो इस बार की दिवाली में आप अपने घरों की सफ़ाई शुरू करें तो अपने मन से बुरे विचारों की भी सफ़ाई करें, जीवन में आनंद खुद ही आ जाएगा।