Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Jun, 2019 11:37 AM
आज 17 जून, 2019 को ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। इस विशेष दिन पर महिलाएं अपने सुहाग की सलामती के लिए वट पूर्णिमा का व्रत करेंगी। ये व्रत विशेषकर महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण के
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आज 17 जून, 2019 को ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। इस विशेष दिन पर महिलाएं अपने सुहाग की सलामती के लिए वट पूर्णिमा का व्रत करेंगी। ये व्रत विशेषकर महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण के राज्यों में किया जाता है। उत्तर भारत में इस व्रत को ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री के रुप में मनाए जाने का विधान है। मान्यता है की सावित्री अपने पति के प्राण यमराज से वापस लाई थी इसलिए विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए ये व्रत करती हैं।
जब पूर्णिमा सोमवार के दिन आती है तो इसका महत्व बढ़ जाता है। ज्योतिष की दृष्टि से ये शुभ योग अत्यधिक मंगलमय प्रभाव देता है। भगवान शिव और चंद्रमा का आशीष प्राप्त करने के लिए ये दिन बहुत खास है। आज से आषाढ़ मास का प्रारंभ भी हो रहा है, 16 जुलाई को चंद्र ग्रहण के दिन इसका समापन होगा। अपनी पति, धन और खुशहाल जीवन के लिए सूर्यास्त से पहले कर लें ये काम।
वट वृक्ष पर जल, अक्षत और कुमकुम चढ़ाएं, फिर मौली वृक्ष के तने पर लपेटते हुए सात परिक्रमा करें।
सावित्री की कथा सुनें।
अपनी क्षमता के अनुसार चने व गुड़ बांटें।
ब्राह्मण अथवा जरूरतमंद व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
प्रदोषकाल के समय शिव मंदिर में दीपदान करते हुए ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। फिर वहीं बैठ कर कम से कम एक माला जाप करें।
सफेद वस्तुओं का दान करें।