3 साल बाद बना संयोग, पूजा और इबादत होगी एक साथ

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 May, 2018 11:32 AM

purushottam maas and ramjan

हिंदू धर्म में पुरुषोत्तम मास यानि अधिकमास को बहुत महत्व दिया गया है। ये महीना हर तीन साल के बाद आता है। 2018 में पुरुषोत्तम मास 16 मई से आरंभ होकर 13 जून तक रहेगा।

हिंदू धर्म में पुरुषोत्तम मास यानि अधिकमास को बहुत महत्व दिया गया है। ये महीना हर तीन साल के बाद आता है। 2018 में पुरुषोत्तम मास 16 मई से आरंभ होकर 13 जून तक रहेगा। मुस्लमानों का पवित्र महीना रमजान चांद दिखने के बाद 17-18 मई से शुरू होगा। मई का महीना हिंदूओं और मुस्लमानों दोनों के लिए खास है। पूजा और इबादत का एक साथ संयोग बना है। 11 साल पहले वर्ष 2007 में ज्येष्ठ मास में अधिकमास आया था। 

संसार के पालनहार भगवान विष्णु को पुरुषोत्तम मास बहुत प्रिय है। जिस महीने में सूर्य संक्रान्ति न हो, वह महीना अधिमास होता है। एक महीने तक दान-पुण्य करने से अक्षय फल प्राप्त होता है। यदि सामर्थ्य न हो तो ब्राह्मणों और साधुओं की सेवा करना भी सर्वोत्तम फल देता है। जिस प्रकार अणुमात्र बीज का दान करने से वट वैसा दीर्घजीवी महान वृक्ष होता है, वैसे ही इस मास में दिया हुआ दान अधिक फल देता है। इन दिनों हिंदू अपना समय पूजा-पाठ, सत्संग एवं हरि कथा में बिताएंगे। 

वहीं मुस्लिम नमाज, इबादत और रोजे रखेंगे। मुस्लिम सिद्धांत है की चांद दिखने के अनुसार रमजान माह की शुरुआत होती है। बीते वर्ष रमजान 28 मई से आरंभ हुआ था। 2018 में 11 दिन पहले ही इस महीने का आरंभ होने जा रहा है। 16 मई को चांद का दीदार होगा तो अगले दिन से रोजे शुरू हो जाएंगे। 

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