Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 10:49 AM
प्रत्येक व्यक्ति की चाहत होती है कि उसका एक छोटा ही सही लेकिन अपना घर जरूर हो। जहां वो अपने परिवार के साथ हंसी-खुशी जीवन व्यतीत कर सके। परंतु खुशहाल जीवन जीने के लिए इंसान का कुछ बातों को ध्यान में रखना बहुत अनिवार्य होता है। तो आईए जानें हिंदू घर्म...
प्रत्येक व्यक्ति की चाहत होती है कि उसका एक छोटा ही सही लेकिन अपना घर जरूर हो। जहां वो अपने परिवार के साथ हंसी-खुशी जीवन व्यतीत कर सके। परंतु खुशहाल जीवन जीने के लिए इंसान का कुछ बातों को ध्यान में रखना बहुत अनिवार्य होता है। तो आईए जानें हिंदू घर्म में घर बनवाने से पूर्व भूमि पूजा से संबंधित कुछ बातें।
बहुत से लोगों को पता होगा कि भूमि पूजन के समय कुछ चीजें नींव में डाली जाती हैं। इनमें से नाग-नागिन का जोड़ा, जिसे सबसे प्रमुख माना जाता है। मान्यता अनुसार इससे घर के निर्माण में कोई बाधा नहीं आती और भूमि के सभी दोष दूर हो जाते हैं। इसके बारें में पुराणों में एक श्लोक वर्णित है।
श्लोक-
शेषं चाकल्पयद्देवमनन्तं विश्वरूपिणम्।
यो धारयति भूतानि धरां चेमां सपर्वताम्।।
अर्थ- परमदेव ने विश्वरूप अनंत नामक देवस्वरूप शेषनाग को पैदा किया, जो पहाड़ों सहित सारी पृथ्वी को धारण किए हुए हैं।
शेषनाग
ग्रंथों के अनुसार, हजार फनों वाले शेषनाग सभी नागों के राजा हैं। भगवान की शय्या बनकर सुख पहुंचाने वाले, उनके अनन्य भक्त हैं। इतना ही नहीं, कई बार भगवान के साथ धरती पर जन्म लेकर उनकी लीलाओं में उनका साथ दिया है। श्रीमद्भागवत के 10 वे अध्याय के 29 वें श्लोक में भगवान कृष्ण ने कहा है-
अनन्तश्चास्मि नागानां यानी- मैं नागों में शेषनाग हूं।
नींव में इसलिए डालते हैं चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा
भूमि पूजन का पूरा कर्मकांड इस मनोवैज्ञानिक विश्वास पर आधारित है कि जैसे शेषनाग अपने फन पर पूरी पृथ्वी को धारण किए हुए हैं, ठीक उसी तरह मेरे इस घर की नींव भी प्रतिष्ठित किए हुए चांदी के नाग के फन पर पूरी मजबूती के साथ स्थापित रहे। शेषनाग क्षीरसागर में रहते हैं। इसलिए पूजन के कलश में दूध, दही, घी डालकर मंत्रों से आह्वान कर शेषनाग को बुलाया जाता है, ताकि वे घर की रक्षा करें।