राहू-मंगल का मिलन मचाएगा हाहाकार, बहुत ही नाजुक होंगे 60 दिन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jul, 2017 08:57 AM

rahu mangal union will be very delicate

जुलाई, 2017 को मंगल जल तत्व राशि कर्क में प्रवेश कर चुका है जो उसकी नीच राशि है। वहीं 18 अगस्त, 2017 को राहू कर्क राशि में प्रवेश कर रहा है अत: दोनों का इस राशि में मिलन विश्व में

जुलाई, 2017 को मंगल जल तत्व राशि कर्क में प्रवेश कर चुका है जो उसकी नीच राशि है। वहीं 18 अगस्त, 2017 को राहू कर्क राशि में प्रवेश कर रहा है अत: दोनों का इस राशि में मिलन विश्व में भारी प्राकृतिक आपदा का सूचक है। उसके पूर्व राहू सूर्य के साथ भ्रमण कर रहा है एवं बुध भी गोचर के साथ है। मंगल अग्नि तत्व एवं कर्क राशि जल तत्व राशि है, दोनों एक-दूसरे के शत्रु हैं। जब-जब मंगल-राहू ऐसी राशि में भ्रमण करते हैं तब-तब जल प्रलय, भूकम्प, हिंसा, राजनीतिक उथल-पुथल, सरकार व नेताओं एवं सेना के लिए भारी परेशानियों वाला समय होता है।


गोचर में अग्नि तत्व राशि सिंह में सूर्य, बुध-राहू का भ्रमण अशांति का सूचक है। राहू-मंगल की इस युति से आने वाले 60 दिन बहुत ही नाजुक होंगे और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विश्व के उत्तरी भाग में भारी जल प्रलय के कारण तबाही का माहौल बन सकता है। हिमालय के आगे अफगानिस्तान, रूस, चीन, अटलांटिक यूरोप में इसके कारण बड़ी प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ हिंसा, आंदोलन, विमान दुर्घटना, युद्ध जैसा माहौल होगा। राहू की दृष्टि शनि पर होगी जो और ज्यादा प्राकृतिक आपदा, हिंसा, आंदोलन व वृद्ध जैसी स्थिति पैदा करेगी।


भारत की वृषभ लग्न की कुंडली में फिलहाल चतुर्थ भाव में राहू का भ्रमण जनता को असमंजस स्थिति में डाले हुए है। पिछले लेख में राहू की माया के बारे में लिखा था। कुंडली का चतुर्थ स्थान जनता व दशम स्थान राजा का होता है। शनि सप्तम स्थान में भ्रमण कर रहा है और भाग्य, लग्न एवं चतुर्थ स्थान पर दृष्टि कर रहा है। चूंकि शनि भाग्य व दशम स्थान का मालिक भी है अत: भाग्य हानि इतनी नहीं हुई जो आगे जाकर होगी। राहू ने जनता को जकड़ रखा है एवं ऐसा प्रेमजाल फैला चुका है कि किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा है लेकिन आने वाले 15 महीनों में भारत में जबरदस्त परिवर्तन देखने को मिलेगा।


देश की आर्थिक स्थिति जैसी दिखाई जा रही है वैसी नहीं होगी एवं जो व्यापार या आर्थिक स्थिति और प्रगति की कल्पना की जा रही है वह शायद राहू कपोल कल्पना साबित कर दे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। 18 अगस्त, 2017 से राहू का कर्क राशि में भ्रमण देश की कुंडली में तीसरे पराक्रम पड़ोस, मित्र स्थान में होगा। पड़ोसी अपनी नापाक हरकतों से ज्यादा परेशान करेगा एवं आतंकवादी घटना व छद्म युद्ध से ज्यादा नुक्सान पहुंचाने का प्रयास करेगा। सरकार, सेना व जनता को बहुत ही सतर्क रहकर कार्य करना होगा एवं किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमें हर पल एकजुट होकर सामना करना होगा।


आने वाले 60 दिन में पाक या चीन दोनों कोई बड़ी हरकत को अंजाम दे सकते हैं अत: हमें अति सचेत होकर चार गुना तीव्रता से उसका जवाब देने की तैयारी रखनी होगी। देश को एक तरफ आंतरिक और दूसरी तरफ बाहरी दुश्मनों का सामना करना पड़ेगा। देश के उत्तर-पूर्व एवं दक्षिण व दक्षिण-पश्चिम भाग में भारी वर्षा के कारण जल प्रलय व एवं दुर्घटना होना संभव है।


7 अगस्त से 18 अगस्त के मध्य कोई आतंकवादी घटना या सैनिक कार्रवाई की आशंका रहेगी। वहीं शेयर बाजार भारी उतार-चढ़ाव के कारण हाहाकार मचा सकता है।
भारत हाल में चंद्रमा की महादशा, राहू की अंतर्दशा में शनि की सूक्ष्म दशा में दिनांक 12 जुलाई से 7 अक्तूबर तक तत्पश्चात 24 दिसम्बर तक बुध एवं 25 जनवरी तक केतु की सूक्ष्म दशा में रहेगा जिस कारण देश को चारों ओर से संकट का सामना विशेषकर शत्रु से सावधान रहने की अति आवश्यक सावधानी रखनी पड़ेगी। शायद 
यह कहना अतिशयोक्तिपूर्ण न होगा कि भारत इस बार दीवाली पाकिस्तान के साथ मनाएगा। 


कुल मिलाकर आने वाले 18 महीने राहू के कर्क राशि में भ्रमण के कारण यह कई वरिष्ठ नेताओं, अधिकारियों के निधन का संकेत देता है। वहीं पड़ोसी देशों से युद्ध करने का संकेत भी दे रहा है। कई प्रदेशों में सत्ता परिवर्तन एवं कई नेताओं का जेल भ्रमण का संकेत भी दे रहा है लेकिन शनि का वृश्चिक राशि में भ्रमण कई ऐसे राज खोलने का संकेत भी दे रहा है जिसके कारण देश की जनता आश्चर्यचकित हो जाए। कुल मिलाकर भारत के लिए आगामी 18 महीने तलवार की धार पर चलने के बराबर होंगे।

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