Ram Navami 2021: यहां जानें श्रीराम के 10 सबसे सरलतम मंत्र, जप से बाधाएं होंगे दूर

Edited By Jyoti,Updated: 16 Apr, 2021 04:48 PM

ram navami 2021

चैत्र नवरात्रों के समापन के बाद श्री राम नवमी का त्यौहार पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ था।

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चैत्र नवरात्रों के समापन के बाद श्री राम नवमी का त्यौहार पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म हुआ था। जिस कारण इस दिन को हिंदू धर्म में अति पावन माना जाता है। इस दिन को श्री राम के जन्मोत्सव के तौर पर देश में अधिक धूम-धाम से मनाया जाता है। तो वहीं इस दिन लोग अपने घरों में धार्मिक अनुष्ठान आदि भी संपन्न करवाते हैं। साथ ही सााथ श्री राम की विधि वत पूजा करनी चाहिए। तो आइए आपको बताते हैं कि इस श्री राम नवमी पर श्री राम के ये 10 सबसे मंत्र जिनके जप से किसी भी व्यक्ति की उल्टी किस्मत की लकीरें सीधी हो सकती हैं। 

कहा जाता है श्री राम में से भी ज्यादा शक्ति उनके नाम में है। राम नाम की असीमित शक्ति के चलते ही उनके नाम से लिखे पत्‍थर विशाल समुद्ग में तैर गए थे। जब उनके द्वारा चलाया गया अमोघ बाण रामबाण अचूक कहलाया तो उनके मंत्र की शक्ति तो अंपरपार होगी ही।

चैत्र नवरात्रि और श्रीराम नवमी पर रामचरित मानस, वाल्मीकि रामायण, सुंदरकांड आदि के अनुष्ठान की परंपरा रही है। मंत्रों का जाप भी किया जाता है। उन्हें या उनमें से किसी एक के करने पर इच्छापूर्ति नि:संदेह पूर्ण होगी।

मंत्र जानने से पहले जानें इस बार की राम नवमी में होने वाली पूजा आदि का शुभ मुहूर्त- 

बुधवार, 21 अप्रैल 2021
राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त: 11 बजकर 02 मिनट से 13 बजकर 38 मिनट तक
अवधि: 02 घंटे 36 मिनट
सीता नवमी : 21 मई 2021
शुक्रवार
राम नवमी मध्याह्न का शुभ क्षण: 12 बजकर 20 मिनट
नवमी तिथि प्रारम्भ: 21अप्रैल 2021 को 00 बजकर 43 मिनट से
नवमी तिथि समाप्त: 22 अप्रैल 2021 को 00 बजकर 35 मिनट तक

'राम' यह मंत्र अपने आप में पूर्ण है तथा शुचि-अशुचि अवस्था में भी जपा जा सकता है। यह तारक मंत्र कहलाता है।

'रां रामाय नम:' सकाम जपा जाने वाला यह मं‍त्र राज्य, लक्ष्मी पुत्र, आरोग्य व वि‍पत्ति नाश के लिए प्रसिद्ध है।

'ॐ रामचंद्राय नम:' क्लेश दूर करने के लिए प्रभावी मंत्र है।

'ॐ रामभद्राय नम:' कार्य की बाधा दूर करने के लिए अवश्व प्रभावी है।

'ॐ जानकी वल्लभाय स्वाहा' प्रभु कृपा प्राप्त करने व मनोकामना पूर्ति के लिए जपने योग्य है।

'ॐ नमो भगवते रामचंद्राय' विपत्ति-आपत्ति के निवारण के लिए जपा जाता है।

'श्रीराम जय राम, जय-जय राम' इस मंत्र का कोई सानी नही है। शुचि-अशुचि अवस्था में जपने योग्य है।

श्रीराम गायत्री मंत्र 'ॐ दशरथाय नम: विद्महे सीता वल्लभाय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।' यह मंत्र समस्त संकटों का शमन करने वाला तथा ऋद्धि-सिद्धि देने वाला माना गया है।

'ॐ नम: शिवाय', 'ॐ हं हनुमते श्री रामचंद्राय नम:।' यह मंत्र एकसाथ कई कार्य करता है। स्त्रियां भी जप सकती हैं।

साधारणतया हनुमानजी के मंत्र उग्र होते हैं। शिव तथा राम मंत्र के साथ जप करने से उनकी उग्रता समाप्त हो जाती है।

'ॐ रामाय धनुष्पाणये स्वाहा:' शत्रु शमन, न्यायालय, मुकदमे आदि की समस्या से मुक्ति हेतु प्रशस्त है।

इसके अलावा रामरक्षास्तोत्र, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण इत्यादि के जप कर अनुष्ठान रूप में लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ध्यान रखें श्री हनुमान जी व भगवान राम का चि‍त्र सामने लाल रंग के वस्त्र पर रखकर पंचोपचार पूजन कर ही इनके मंत्रों का जप किया जाना चाहिए। यह इनकी कृपा पाने की सबसे सरल व लौकिक विधि है।
 

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