Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Apr, 2022 08:13 AM
हनुमान चालीसा अौर सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। सुंदरकांड गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के सात
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Tuesday special: हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। सुंदरकांड गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के सात कांडों में से एक है। इसका पाठ करने से सभी प्रकार की चिंताएं, बिगड़े कार्य, आत्मविश्वास की कमी और हर प्रकार की परेशानियां खत्म हो जाती हैं। मंगलवार और शनिवार को इस पाठ को सूरज ढलने के बाद करना अत्यंत लाभदायक होता है।
भक्त की विजय का प्रतीक
रामचरितमानस में भगवान राम के गुणों और उनके पुरुषार्थ का वर्णन है। इसके सुंदरकांड अध्याय को भक्त की विजय का काण्ड कहा जाता है। इस अध्याय में हनुमान जी के समुद्र लांघ कर लंका पहुंचना, सीता जी को श्रीराम का संदेश देना, लंका दहन अौर सीता जी का श्रीराम के लिए संदेश देने तक का वर्णन है।
आत्मविश्वास में बढ़ौतरी
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इस पाठ को पढ़ने से आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ती है। इसमें एक आम व्यक्ति की जीत का वर्णन है कि किस प्रकार एक आम आदमी अपनी इच्छाशक्ति से इतना बड़ा कार्य करता है। इससे हमें जीवन की सफलता के सूत्रों का भी पता चलता है। रामचरितमानस में सुंदरकांड को ही सबसे उत्तम माना गया है क्योंकि इसके पढ़ने से आदमी के आत्मविश्वास में बढ़ौतरी होती है।
हनुमान जी की कृपा
हनुमान जी की कृपा पाने के लिए हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। ये पाठ करने से जहां मन को शांति मिलती है वहीं सारे कष्ट भी खत्म हो जाते हैं। इन पाठों का जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और साथ ही श्री राम जी की भी कृपा होती है।