Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Apr, 2022 08:34 AM
रमजान की फजीलतें
रमजान में हर बुराई से बचें: रमजान इबादत व गुनाहों से तौबा करने का महीना है। इस महीने में रोजा रखने वालों की दुआ कबुल होती है। रोजा रखने और अल्लाह की
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Ramadan 2022: रमजान इबादत व गुनाहों से तौबा करने का महीना है
रमजान की फजीलतें
रमजान में हर बुराई से बचें: रमजान इबादत व गुनाहों से तौबा करने का महीना है। इस महीने में रोजा रखने वालों की दुआ कबुल होती है। रोजा रखने और अल्लाह की इबादत में डूबे रहने, गुनाहों से तौबा करने, हर बुराई से बचने, पाबंदी के साथ नमाज अदा करने से अल्लाह हम सबकी नेक जायज तमन्नाओं को दुआओं को कुबूल करते हैं। अल्लाह ने रोजे को इंसान के लिए एक इम्तिहान के तौर पर रखा है, जो इंसान अल्लाह के इस इम्तिहान में सफल होगा, उसे जन्नत नसीब होगी। एक माह के रोजे साल में एक परीक्षा के तौर पर आते हैं। अल्लाह देखता है कि मेरे बंदे मेरी कितनी इबादत करते हैं। हम सभी को रोजे की पूरी फजीलत के बारे में पूरा ज्ञान होना चाहिए।
-शाहिद मलिक
अच्छे काम करने का हुक्म: रोजेदार को दूसरे की किसी भी वस्तु पर नजर नहीं रखनी चाहिए। यह गुनाह है, अगर इंसान को सच्चे अल्लाह का बंदा बनना है, तो उसे अल्लाह व उसके रसूल के बताए रास्ते पर चलना होगा, तभी उसकी जिंदगी सफल होगी। रोजे के दौरान अगर व्यक्ति वहीं जिंदगी जी रहा है, जैसे वह आम दिनों की तरह जीता है, जिसमें वह गुनाह तक करता है। ऐसे में रोजे का कोई औचित्य नहीं रह जाता। हमारे नबी हर साल रमजान में एतकाफ किया करते थे हम ऐसा कोई काम न करें, जिससे हमारा अल्लाह हमसे नाराका हो। अच्छे काम करें और अच्छे काम करने का हुक्म दें और बुरे कामों से रुक जाएं। इस वक्त हमारे मुल्क मे कोरोना महामारी ने फिर से दस्तक दे दी है, इसलिए हम कोरोना गाइडलाइन का पालन करें और दुआ करें कि ये बीमारी पूरी दुनिया से खत्म हो जाए।
-अदनान अलवी
ये है आज का माह-ए-रमजान का समय
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