इस्लाम धर्म का सबसे पाक महीना शुरू होने वाला है। इस्लामिक धर्म मान्यताओं के अनुसार 23 अप्रैल या 24 अप्रैल से रमजान का महीना प्रारंभ हो रहा है।
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इस्लाम धर्म का सबसे पाक महीना शुरू होने वाला है। इस्लामिक धर्म मान्यताओं के अनुसार 23 अप्रैल या 24 अप्रैल से रमजान का महीना प्रारंभ हो रहा है। इस पूरे महीने में मुस्लिम भाई पूरे 30 दिन का तक रोजे रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। का जाता है इस महीने में की गई बादल कभी खाली नहीं जाती यही कारण है कि इसमें माह को इतना पाक कहा जाता है। इबादत के अलावा इस महीने में दान देने की भी मान्यता है। वही इस्लामी धर्म के अनुसार इस पाक महीने को तीन भागों में बांटा गया है जिसे अशरे कहा जाता है। इस महीने में तीन अशरे आते हैं जिनका अधिक महत्व होता है परंतु यह असली होते क्या हैं, आइए जानते हैं
रमजान के महीने में तीन अशरे-
पहला अशरा-
1 से 10 दिन रहमत का अशरा
कहां जाता है पहला अशरा रहमत का होता है रमजान के महीने के पहले 10 दिन में रोजा रखने वालों पर अल्लाह की खूब रहमत होती है इस्लामिक धर्म की मान्यताओं के अनुसार इन 10 दिनों में अधिक से अधिक दान करना चाहिए तथा जरूरतमंदों व गरीबों की सहायता करनी चाहिए।
दूसरा अशरा-
11 से 20 दिन गुनाहों की माफी का अशरा
रमजान का दूसरा अशरा माफी का माना जाता है। इस्लामिक धर्म की मान्यताओं की माने तो इन 10 दिनों में इबादत कर अल्लाह से अपने किए गए गुनाहों की माफी मांगी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि दूसरे अशरे के दौरान जो भी व्यक्ति अपने गुनाहों की माफी मांगता है, उसे उसके गुनाहों की माफी अल्लाह से ज़रूर मिलती है।
तीसरा अशरा-
21 से 30 दिन जहन्नम की आग से खुद को बचाने का अशरा।
रमजान का यह तीसरा यानी अंतिम अशरा जहन्नम की आग से खुद को बचाने के लिए होता है। जो काफी महत्वपूर्ण भी माना जाता है। 21वें रोजे से शुरू होकर 30वें रोजे तक यह अशरा चलता है। इस दौरान हर कोई अल्लाह की इबादत कर जहन्नम से बचने की दुआ मांगता है।
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